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आर्थिक सर्वेक्षण दिखा रहा आईना, मनरेगा और एमएसएमई को मजबूत करे सरकार : कांग्रेस

नई दिल्ली, 31 जनवरी (Udaipur Kiran) । कांग्रेस ने आर्थिक सर्वेक्षण को सरकारी नीतियों का आईना बताते हुए कहा है कि वर्तमान सर्वेक्षण में भी सरकार के लिए बहुत कुछ विचार करने योग्य है। पार्टी ने कहा है कि इसमें मनरेगा के महत्व को रेखांकित किया गया है और अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में एमएसएमई को बढ़ावा देने का स्पष्ट संदेश है।

कांग्रेस के संचार महासचिव जयराम रमेश की ओर से आर्थिक सर्वेक्षण पर जारी बयान में यह बातें कही गई हैं। उनका कहना है कि मनरेगा ग्रामीण क्षेत्र के गरीबों के लिए लाइफलाइन है। इसके बावजूद इससे जुड़े आवंटन में कटौती की जा रही है। साथ मजदूरी को कम रखा जा रहा है। दूसरी ओर आर्थिक सर्वेक्षण में वित्तीय बाजार में निवेशकों पर बढ़ते खतरों के प्रति आगाह किया गया है। सरकार इस मुद्दे को क्यों नजरअंदाज कर रही है। आर्थिक सर्वेक्षण स्वयं कहता है कि यह उम्मीद करना उचित है कि वित्तीय नियामक खुद को उन्हीं मानकों पर रखें जो वे विनियमित संस्थाओं से अपेक्षा करते हैं।

उन्होंने कहा है कि सरकार उत्पादन आधारित योजनाओं पर करोड़ों रुपये खर्च कर रही है लेकिन इसके बावजूद चीन से हमारा आयात लगातार बढ़ रहा है। आर्थिक सर्वेक्षण में भी इसी बात का उल्लेख किया गया है और कहा गया है कि ई-व्हीकल के प्रोडक्शन से जुड़े आयत को भारत लगातार उन देशों से बढ़ा रहा है जहां हमारा व्यापार घाटा बहुत ज्यादा है। औद्योगिक नीति का लक्ष्य अकेले संरक्षण से नहीं बल्कि उन नीतियों से हासिल होता है जिससे सुनिश्चित हो कि संरक्षित उद्योग प्रदर्शन करे। इसका मतलब है कि प्रतिस्पर्धी सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों को बढ़ावा देना चाहिए।

जयराम रमेश ने जीएसटी पर सवाल उठाए और कहा कि इसको लेकर सर्वेक्षण चुप है। इसके अलावा ‘जीवन जीने की आसानी’ को सुनिश्चित करने के बारे में भी इसमें कुछ नहीं है। प्रदूषण और केमिकल कॉन्टेमिनेशन से बढ़ते स्वास्थ्य खतरे को लेकर काम किया जाना चाहिए।

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(Udaipur Kiran) / अनूप शर्मा

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