
उत्तर 24 परगना, 27 मई (Udaipur Kiran) । जिले में हाबरा थाना अंतर्गत के सम्हति स्टेशन से सटे शालुआ इलाके में एक दुकानदार पर बिस्कुट चोरी के शक में 13 साल के नाबालिग की पिटाई करने का आरोप लगा है।
आरोप है कि जब परिवार घायल नाबालिग को डॉक्टर के पास ले जा रहा था तो पुलिस ने उनका रास्ता रोका और एक वर्दीधारी पुलिस अधिकारी ने थाने में शिकायत दर्ज कराने के बजाय पैसे लेकर मामला रफ़ा दफा करने की कोशिश की। अंततः थाने में शिकायत दर्ज कराई गई। लेकिन मंगलवार को शिकायत दर्ज होने के 12 घंटे बाद भी आरोपित गिरफ्तार नहीं किया गया।
घायल नाबालिग के पिता संजय हलधर ने बताया कि उन्होंने अपने बेटे को सुबह काम पर जाते समय 20 रुपये दिए थे। दोपहर को उनका बेटा अपने दोस्तों के साथ खेल के मैदान में जा रहा था। तभी बिस्कुट खरीदने के लिए शालुआ रेल गेट के पास सचिन्द्रनाथ दास की किराना दुकान के सामने वह गया। नाबालिग के साथ उसके पांच अन्य दोस्त भी थे। इससे पहले कि वे बिस्कुट खरीद कर उसका भुगतान करते, नाबालिग के दो मित्र वहां से चले गए। तभी पास के शंकर पाल नामक दुकानदार ने आकर सचिंद्रनाथ को बताया कि जो दो नाबालिग बच्चे गए थे, वे शायद बिस्कुट लेकर भाग गए हैं। आरोप है कि यह सुनकर सचिन्द्रनाथ दास ने दुकान के सामने पड़े लकड़ी के टुकड़ों से नाबालिगों पर हमला कर दिया। हालांकि तीनों नाबालिग भाग निकले, लेकिन आरोपित दुकान मालिक ने संजय हलधर के बेटे की नाक तोड़ दी। नाबालिग की चीखें सुनकर स्थानीय लोग घटनास्थल पर पहुंचे।
पीड़ित के पिता ने आरोप लगाया कि लड़के को झूठे आरोप लगाकर पीटा गया। हालांकि, उसे डॉक्टर के पास ले जाने के बजाय, दुकान मालिक सबूत नष्ट करने के लिए दुकान के सामने पड़े खून को धो दिया।
पीड़ित के पिता ने दावा किया कि मचलंदपुर ब्लॉक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर को दिखाने के बाद डॉक्टर ने उनके बेटे का सीटी स्कैन कराने की सलाह दी। उनके अनुसार, जब वे सीटी स्कैन के लिए अपने बेटे के साथ कोलकाता जा रहे थे, तो हाबरा थाने के बाउगाछी पुलिस चौकी के एसआई सुब्रत नायक ने सम्हति स्टेशन के पास उनका रास्ता रोक लिया।पुलिस अधिकारी का स्पष्ट कहना था कि शिकायत मत करो और पैसे लेकर मामला निपटा लो।
आरोपित सचिंद्रनाथ दास ने मारपीट के आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि जब मैं उसे अनुशासित करने के लिए छड़ी उठा रहा था, तो नाबालिग भागने लगा और उसके नाक पर चोट लग गई।
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(Udaipur Kiran) / धनंजय पाण्डेय
