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रक्षा मंत्रालय ने तेजस एमके-1ए का उत्पादन सुचारू करने के लिए बनाई कमेटी

स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) फ़ाइल फोटो

– पांच सदस्यीय समिति एक माह में एलसीए कार्यक्रम में बाधाओं की पहचान करके करेगी सिफारिश

नई दिल्ली, 24 फरवरी (Udaipur Kiran) । बेंगलुरु में ‘एयरो इंडिया’ के दौरान वायु सेना प्रमुख की नाराजगी के बाद स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) तेजस एमके-1ए का उत्पादन सुचारू करने के लिए रक्षा मंत्रालय ने एक कमेटी का गठन किया है। रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह की अध्यक्षता में बनी यह समिति एलसीए के उत्पादन में निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाने के मुद्दे पर काम करेगी, क्योंकि सरकार वायु सेना के लड़ाकू स्क्वाड्रनों को बढ़ावा देना चाहती है। पांच सदस्यीय समिति को एलसीए कार्यक्रम में बाधाओं की पहचान करने और उत्पादन में तेजी लाने के उपायों की सिफारिश करने का काम सौंपा गया है।

दरअसल, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने बेंगलुरु में ‘एयरो इंडिया’ के दौरान एलसीए विमान की आपूर्ति में देरी को लेकर नाराजगी जताई थी। बेंगलुरु में एक विमान का निरीक्षण करते समय एयर चीफ को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के अधिकारियों से यह कहते हुए सुना गया था कि उन्हें सरकारी एयरोस्पेस कंपनी पर ‘कोई भरोसा नहीं’ है। एक वीडियो में एपी सिंह को यह कहते हुए सुना गया, मैं आपको केवल यह बता सकता हूं कि हमारी आवश्यकताएं और हमारी चिंताएं क्या हैं। फिलहाल, मुझे एचएएल पर भरोसा नहीं है, जो बहुत गलत बात है।​

इसी ​के बाद रक्षा मंत्रालय ने​ स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) एमके-1ए के उत्पादन और ​आपूर्ति में देरी को दूर करने के लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया है। परिचालन स्क्वाड्रनों की संख्या में लगातार गिरावट को लेकर चिंताओं के बीच भारतीय वायुसेना अपने लड़ाकू जेट बेड़े को मजबूत करना चाहती है।रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय समिति को एलसीए कार्यक्रम में बाधाओं की पहचान करने और उत्पादन में तेजी लाने के उपायों की सिफारिश करने का काम सौंपा गया है। उच्चस्तरीय समिति​ को लड़ाकू जेट बनाने में निजी क्षेत्र की भूमिका बढ़ाने ​की भी जिम्मेदारी दी गई है।

अधिकारियों ने बताया कि ​समिति को अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए एक महीने की समयसीमा दी गई है। समीक्षा में विमान निर्माण में निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाने के तरीकों की खोज की जाएगी​, ताकि डिलीवरी में तेजी लाई जा सके। वायु सेना अगले दशक और उसके बाद एमके-1, एमके-1ए और एमके-2 सहित लगभग 350 एलसीए वेरिएंट संचालित किए जाने की उम्मीद है। एलसीए कार्यक्रम सरकार की ​’आत्मनिर्भर भारत​’ पहल के तहत रक्षा निर्माण में आत्मनिर्भरता​ का प्रयास है। समिति की सिफारिशों से भारतीय वायुसेना की परिचालन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए समय पर डिलीवरी सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की उम्मीद है।————-

(Udaipur Kiran) / सुनीत निगम

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