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यूलिप के जरिए हुए 100 करोड़ से अधिक एपीआई कारोबार : वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय

यूलिप के जारी लोगो का प्रतीकात्मक चित्र

गोयल ने कहा- डेटा से लेकर निर्णय तक, यूलिप भारत में व्यापार को बना रहा आसान

नई दिल्ली, 19 मार्च (Udaipur Kiran) । यूनिफाइड लॉजिस्टिक्स इंटरफेस प्लेटफॉर्म (यूलिप) ने 100 करोड़ एपीआई कारोबार दर्ज करके एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। इससे भारत के लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में एक गेम-चेंजर के रूप में उसकी भूमिका मजबूत हुई है।

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को इसकी सराहना करते हुए कहा कि यह उपलब्धि विश्व स्तरीय, प्रौद्योगिकी-संचालित लॉजिस्टिक्स इकोसिस्टम के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो मेक इन इंडिया के तहत औद्योगिक विकास को बढ़ावा देगा और विकसित भारत 2047 के विजन को गति देगा।

पीयूष गोयल ने कहा, यूलिप की सफलता हमारे उपयोगकर्ताओं, लॉजिस्टिक्स हितधारकों और सरकारी विभागों के सहयोगात्मक प्रयासों के बिना संभव नहीं होती, जो प्रभावशाली समाधान बनाने के लिए एपीआई एकीकरण का लाभ उठा रहे हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह उपलब्धि हमारे प्रधानमंत्री के निर्बाध लॉजिस्टिक्स प्रणाली के दृष्टिकोण को जीवंत करती है, जो व्यापार करने में आसानी को बढ़ाती है और भारत को वैश्विक व्यापार तथा विनिर्माण महाशक्ति के रूप में स्थापित करती है।

उन्‍होंने कहा कि हम यूलिप की क्षमताओं का विस्तार करने और भारतीय लॉजिस्टिक्स को अधिक चुस्त, सुदृढ़ तथा वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 17 सितंबर, 2022 को राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति (एनएलपी) के तहत एक एकीकृत, कुशल और प्रौद्योगिकी-संचालित लॉजिस्टिक्स क्षेत्र बनाने के लिए यूलिप की शुरुआत की थी। गोयल ने कहा कि अपनी स्थापना के बाद से यह प्‍लेटफॉर्म सक्रिय रूप से इस विजन को आगे बढ़ा रहा है, जो 11 मंत्रालयों से 43 प्रणालियों को 129 एपीआई के माध्यम से जोड़ता है।

उन्‍होंने कहा कि यह 1,800 से अधिक डेटा फील्ड को कवर करता है, जिससे हितधारकों के लिए व्यापक डेटा एक्सेस सक्षम होता है। 1,300 से अधिक पंजीकृत कंपनियों, 350 से अधिक समझौतों पर हस्ताक्षर और 100 करोड़ से अधिक एपीआई कारोबार संपन्न होने के साथ, यूलिप भारत के लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में परिचालन दक्षता और नवाचार को आगे बढ़ाने के लिए एक शक्तिशाली उपकरण के रूप में उभरा है।

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(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर

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