Chhattisgarh

रजिस्ट्री के नये नियमों से फर्जीवाड़े पर लगेगा अंकुश : मंत्री टंकराम वर्मा

रजिस्ट्री के 10 क्रांतिकारी कार्यशाला पर उपस्थित मंत्री समेत अन्य अतिथि।

धमतरी, 19 मई (Udaipur Kiran) । राज्य सरकार द्वारा रजिस्ट्री के नये नियमों और संपत्तियों के पंजीयन में शुरू किए गए 10 क्रांतिकारी परिवर्तनों पर आज सोमवार को कलेक्टोरेट सभाकक्ष में महत्वपूर्ण कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में जिला प्रभारी व राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने नई सुविधाओं और तकनीकों के बारे में जानकारी दी।

कार्यशाला को संबोधित करते हुए राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार में भूमि स्वामियों के लिए क्रांतिकारी कदम उठाया गया है। भाजपा की सरकार राजस्व विभाग में लगातार संशोधन कर रहे हैं, क्योंकि राजस्व विभाग में कई जटिलता है। किसानों का 90 प्रतिशत नामांतरण की समस्या बनी हुई थी, इसे मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सुनकर समझा और रजिस्टार अधिकारियों से चर्चा करके भूमिस्वामियों को लाभ पहुंचाने के लिए यह निर्णय लिया है। रजिस्ट्री के नए नियमों से अब रजिस्ट्री होते ही जमीन का नामांतरण हो जाएगा। नामांतरण के लिए लोगों को चक्कर लगाना नहीं पड़ेगा। रजिस्ट्री के लिए कई आटोमेटिक नियम बनाए हैं, इससे भ्रष्टाचार में कमी आएगी। बंधक जमीनें नहीं बिक पाएंगी और कोई भी दूसरा आदमी किसी और की जगह पर खड़े होकर जमीनों की रजिस्ट्री नहीं करा सकेगा। पारदर्शिता बढ़ेगी। किसानों को हर तरह से सुविधा मिलेगी।

राजस्व मंत्री ने कहा कि पंजीयन विभाग में नयी सुविधाओं के लिए तकनीक का उपयोग कर लोगों को स्वयं रजिस्ट्री आफिस जाकर बायोमेट्रिक्स के द्वारा आधार सत्यापन कराना होगा। बिक्री वाली भूमि में लगे पेड़ों पर पंजीयन शुल्क को शून्य कर दिया गया है। राजस्व मंत्री ने सभी राजस्व रिकार्डों को डिजीटालाईज करने की प्रक्रिया के बारे में भी बताया। राज्य सरकार ने पूर्ववर्ती नियम को परिवर्तित करते हुए त्रुटि सुधार का अधिकार अब एसडीएम से छीनकर तहसीलदारों को दे दिया है। राज्य में जमीनों की जियो रिफ्रेसिंग का काम तेजी से किया जा रहा है। इसके पूरा हो जाने पर सीमा विवाद खत्म होंगे। टंकराम वर्मा ने यह भी बताया कि राजस्व पखवाड़ों का आयोजन कर राज्य में राजस्व संबंधी प्रकरणों का तेजी से निपटारा किया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि अब राज्य या केन्द्र सरकार की किसी भी परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण के मामले पर कड़े नियम बनाए जा रहे हैं। परियोजना के प्रस्तावित होने के समय से ही उस क्षेत्र में जमीनों की खरीद-बिक्री, सीमांकन-बटांकन सभी पर रोक लगा दी जाएगी। इस कार्यशाला में धमतरी विधायक ओंकार साहू, महापौर रामू रोहरा, जिला पंचायत अध्यक्ष अरूण सार्वा, राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष नेहरू निषाद, प्रकाश बैस, पूर्व विधायक इंदर चंद चोपड़ा, रंजना साहू सहित कलेक्टर अबिनाश मिश्रा, एसपी सूरज सिंह परिहार अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारी-कर्मचारी व पत्रकार भी उपस्थित रहे।

क्रेता-विक्रेता की पहचान सीधे आधार नंबर और बायोमैट्रिक के माध्यम से की जाएगी, जिससे फर्जी रजिस्ट्री पर प्रभावी नियंत्रण संभव होगा। खसरा नंबर दर्ज कर पूर्व रजिस्ट्री की जानकारी देखी जा सकती है और दस्तावेज डाउनलोड किए जा सकते हैं। इससे विवादित या बंधक जमीन की जानकारी पहले ही प्राप्त हो जाएगी। संपत्ति पर ऋण बंधक या पूर्व विक्रय की स्थिति अब आनलाइन भारमुक्त प्रमाण पत्र के माध्यम से ज्ञात की जा सकती है। कई शासकीय कार्यों एवं लोन के लिए यह प्रमाण पत्र अनिवार्य होता है। स्टाम्प शुल्क और पंजीयन शुल्क का एक साथ यूपीआइए डेबिट कार्ड नेट बैंकिंग आदि से कैशलेस रूप से भुगतान किया जा सकता है। पहले दोनों का भुगतान अलग-अलग स्थान पर नकदी में किया जाता था। रजिस्ट्री के लिए स्लाट बुकिंग दस्तावेज की स्थिति पंजीयन पूर्ण होने की सूचना एवं रजिस्ट्री की प्रति वाट्सएप के माध्यम से स्वतः प्राप्त होगी।

(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा

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