Madhya Pradesh

“स्मार्ट इरिगेशन इनोवेशन” को विभागीय कार्ययोजना में शामिल करें : मंत्री सिलावट

मंत्री ने अटल भू-जल योजना की प्रगति की समीक्षा

– जल संसाधन मंत्री ने अटल भू-जल योजना की प्रगति की समीक्षा की

भोपाल, 23 अप्रैल (Udaipur Kiran) । जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने कहा कि विभाग की सिंचाई कार्ययोजना में स्मार्ट इरिगेशन इनोवेशन को प्राथमिकता से सम्मिलित करें। यह भू-जल संवर्धन की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा। अटल भू-जल योजना की गाइड लाइन अनुसार सिंचाई स्त्रोतों से जल दोहन की मात्रा नियंत्रित करने और फसलों की अच्छी उत्पादकता के लिए फसल अनुसार मिट्टी में आवश्यक नमी होनी चाहिए। इसके लिए कंट्रोल्ड स्मार्ट इरिगेशन आवश्यक है। प्रदेश के निवाड़ी एवं सागर जिलों में कुछ स्थानों पर डेमो उपकरण स्थापित किए गए हैं। इसके अच्छे परिणाम सामने आये हैं। इस प्रणाली से भू-जल दोहन में कमी होगी, विद्युत व्यय एवं पम्प रखरखाव में कमी आएगी तथा मोबाइल आधारित सिंचाई नियंत्रण की सुविधा अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगी।

जल संसाधन मंत्री सिलावट बुधवार को मंत्रालय में अटल भू-जल योजना की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में सभी संबंधित अधिकारी उपस्थित थे। मंत्री सिलावट ने कहा कि केन्द्रीय जलशक्ति मंत्रालय द्वारा विश्व बैंक के सहयोग से अटल भू-जल योजना चलाई जा रही है, जिसका उद्देश्य भू-जल स्तर में सुधार, जल प्रदाय के लिए टिकाऊ जल स्त्रोत और कृषि उत्पादन में वृद्धि करना है। उन्होंने कहा कि योजना के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए जनभागीदारी से निर्मित जल सुरक्षा योजना में सप्लाई एवं डिमांड अनुसार राज्य एवं केन्द्र शासन की प्रचलित योजनाओं के अभिसरण से कार्य कर बेहतर जल प्रबंधन सुनिश्चित करें।

योजना में बुन्देलखण्ड क्षेत्र के 6 जिले क्रमशः सागर, दमोह, छतरपुर, टीकमगढ़, पन्ना एवं निवाड़ी और 09 विकासखण्डों (सागर, पथरिया, छतरपुर, नौगांव, राजनगर, पलेरा, बल्देवगढ़, अजयगढ़ एवं निवाड़ी) की 670 ग्राम पंचायतों में राशि 303 करोड़ रूपये से 3834 जल संरक्षण एवं संवर्धन संरचनाओं का निर्माण कर 92.60 मिलियन क्यूबिक जल संरक्षित किया गया है। साथ ही 163 ग्राम पंचायतों में भू-जल स्तर में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। विकासखण्ड निवाड़ी सेमीक्रिटिकल श्रेणी में था, जो सुधार होकर संरक्षित श्रेणी में आंकलित किया गया है। हितग्राही मूलक योजनाओं में 7 लाख से अधिक हितग्राही लाभान्वित हुये हैं। सूक्ष्म सिंचाई हेतु 1500 से अधिक हितग्राहियों को ड्रिप स्प्रिंक्लर इत्यादि उपकरणों के वितरण पर 54 करोड़ से अधिक की राशि व्यय की जाकर 2000 हेक्टयर से अधिक क्षेत्र सूक्ष्म सिंचाई युक्त विकसित किया गया है। योजनान्तर्गत जल संरक्षण एवं संवर्धन के प्रति जागरूकता लाने के लिए 18 चरण के प्रशिक्षण कार्यक्रमों से 2.70 लाख लोग प्रशिक्षित किये गये, जिसमें महिलाओं की सहभागिता 45 प्रतिशत से अधिक रही।

(Udaipur Kiran) तोमर

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