Jharkhand

विजयदशमी पर शस्त्र पूजन करने आर्मी कैंप पहुंचे रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ

शस्त्र पूजन करते राज्य मंत्री
शस्त्र पूजन करते रक्षा राज्य मंत्री
सेना के अधिकारियों को मिठाई खिलाते रक्षा राज्य मंत्री
जवानों के साथ रक्षा राज्य मंत्री
शस्त्र पूजन में शामिल रक्षा राज्य मंत्री

मां भारती की सेवा सौभाग्य की बात, भारतीय सेना की मजबूती पर है नाज : संजय सेठ

रामगढ़, 12 अक्टूबर (Udaipur Kiran) ।भारत सरकार के रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने विजयदशमी का त्योहार सेना के जवानों के बीच मनाया। शनिवार को वह रामगढ़ आर्मी कैंप पहुंचे। यहां उन्होंने पंजाब रेजिमेंटल सेंटर और सिख रेजीमेंटल सेंटर के जवानों के साथ शस्त्र पूजन किया।

इस दौरान उन्होंने मां दुर्गा की आराधना की, साथ ही शस्त्र पूजन कर जवानों का भी हौसला बढ़ाया। इस दौरान उन्होंने कहा कि आज दशहरे का पर्व है। आज असत्य पर सत्य की जीत, बुराई पर अच्छाई की जीत की गाथा गाई जाती है। आज शक्ति की पूजा, शस्त्र पूजा, हमारी संस्कृति का मूल आधार है। इससे अच्छा दिन कुछ हो नहीं सकता कि मैं जवानों के बीच हूं। उन्होंने बताया कि वीर जवान अपने परिवार से दूर होकर मां भारती की सेवा में लगे रहते हैं। उन्हें अपने परिवारों की कमी ना खले इसलिए आज मैं उनके बीच मौजूद हूं। यही वजह है कि पिछले 4 महीने के दौरान वे लगातार जवानों से बात करने के लिए उनके बीच जाते रहते हैं। भारतीय सेना दुनिया की किसी भी सेना से कम नहीं है।

हमारी आत्मनिर्भरता लिख रही देश की विकास की गाथा

रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने कहा कि आज हम 70% आत्मनिर्भर हो चुके हैं। यह आत्मनिर्भरता देश की विकास की पहचान है। वर्ष 2047 में जब हम आजादी के 100वीं वर्षगांठ को मानेंगे, तब हम दुनिया के शिखर पर होंगे। यह छावनी 1941 से मौजूद है। 1967 से पंजाब रेजिमेंटल सेंटर और सिख रेजीमेंटल सेंटर यहां काम कर रहा है। इस स्थान ने गुरु गोविंद सिंह जी की प्रेरणा को आत्मसात कर लिया है। यह आर्मी कैंप हमारा मस्तक है। इसकी वीर गाथा का लोहा पूरी दुनिया मानती है। वीर जवान जितना पसीना बहाते हैं उतना ही वह मजबूती से खड़े रहते हैं। हमारा सौभाग्य है कि मैं जवानों के बीच हूं। उन्होंने सेना के सभी अधिकारियों को दशहरे की बधाई दी और उन्हें मिठाई खिलाकर त्यौहार मनाया। उन्होंने कहा कि वीर जवानों पर देश के 140 करोड लोगों को नाज है। उन्होंने वीर जवानों को शीश झुका कर नमन किया और कहा कि मातृभूमि की सेवा का सौभाग्य हर किसी को नहीं मिलता।

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(Udaipur Kiran) / अमितेश प्रकाश

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