
भोपाल, 21 मार्च (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के आठवें दिन शुक्रवार को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस विधायकों ने कानून व्यवस्था का मामला उठाया। सेमरिया से कांग्रेस विधायक अभय मिश्रा ने प्रश्नोत्तर काल के दौरान अपने और बेटे पर दर्ज केस को लेकर कहा कि उनका चुनाव लड़ना अपराध हो गया है। थाना चोरहटा में उनके और उनके बेटे विभूति नारायण मिश्रा के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया है। यह सुनकर मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल भावुक हो गए और उच्च स्तरीय जांच के साथ ही टीआई को सस्पेंड करने की बात कही।
दरअसल, शुक्रवार को विधायक अभय मिश्रा ने विधानसभा में प्रश्नोत्तर काल के दौरान कहा कि सेमरिया विधानसभा से उनका चुनाव लड़ना अपराध हो गया है। थाना चोरहटा में उनके और उनके बेटे विभूति नारायण मिश्रा के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया है। अपने परिवार के सदस्यों के पर दर्ज हुए प्रकरण को लेकर उन्होंने कहा कि प्रभारी उपनिरीक्षक और फिर बाद में निरीक्षक अवनीश पांडेय द्वारा केस दर्ज करने के बाद खात्मा लगा दिया गया।
गृह विभाग से जुड़े सवालों के जवाब देते हुए मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने कहा कि परिवार से जुड़ा मसला हो तो केस के निराकरण के लिए दूसरे रास्ते हो सकते हैं। मंत्री ने कहा कि अभय मिश्रा के मामले में दोनों ही अधिकारी एक नहीं थे। रिपोर्ट करने वाले हीरामणि पटेल थे, जांच करने वाले राजेश तिवारी थे। कांग्रेस विधायक मिश्रा ने कहा कि न्याय के लिए आपके चरणों में गिरने को तैयार हैं, पर कार्रवाई होनी चाहिए। इस पर मंत्री पटेल ने कहा कि किसी तरह का अन्याय नहीं होने देंगे। पुलिस का मनोबल बना रहे, इसलिए उन्हें जिले से हटाकर जांच कर लेते हैं। मंत्री ने घोषणा की कि थाना प्रभारी को निलंबित करेंगे और जांच कराएंगे।
इस बीच विधायक अजय सिंह ने कहा कि अगर पहले ऐसी कार्रवाई हो जाती तो मऊगंज जैसी घटना नहीं होती। इस पर जमकर शोर-शराबा हुआ। इसके बाद नेता प्रतिरोध प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि विधायक नारायण सिंह पट्टा के साथ भी ऐसे ही घटना हो चुकी है। जो अच्छा करे उसे सजा नहीं मिलनी चाहिए, लेकिन जो गलत करे उसे सजा मिलनी चाहिए।
सदन में अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर सवाल उठाने वाले कांग्रेस विधायक अभय मिश्रा ने कहा कि कोई मंत्री हो या संतरी सबके अंदर धड़का हुआ दिल है। मंत्री जी को आपबीती याद आई। दो महीने पहले उनके बच्चे के ऊपर फर्जी मुकदमा लगा। वो मंत्री होते हुए भी नहीं रुकवा पाए। वही उनको ध्यान आया होगा, वो भावुक हो गए।
उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने कहा कि अभय मिश्रा ने जो सवाल उठाया वो बेहद गंभीर है। एक विधायक और उनके परिवार को किस तरह झूठे प्रकरणों में फंसाया जा रहा है, ये एक उदाहरण है। कटारे ने राज्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल के विधानसभा के अंदर रोने को लेकर उप नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि वो गृह मंत्री तो हैं नहीं। वो भावुक इसलिए हो गए क्योंकि जो गृह मंत्री हैं प्रदेश के मुख्यमंत्री जी, उनके ही रहते हुए नरेंद्र शिवाजी पटेल के परिवार के ऊपर झूठी एफआईआर दर्ज है। अपनी सरकार पर वो सवाल नहीं उठा सकते थे, ऐसी स्थिति में वो भावुक हो गए। उनकी सरकार जब उनको खुद को संरक्षण नहीं दे रही है तो किसी आमजन को क्या संरक्षण देगी। वो आंसू ये बयान कर रहे थे।
वहीं, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि मुझे नहीं पता कि मंत्री जी क्यों भावुक हुए। लेकिन पुलिस की ज्यादतियां प्रदेश में बढ़ी हैं। जो अच्छे पुलिस अधिकारी हैं, उन्हें फील्ड में रहना चाहिए। जो दबंगई दिखाते हैं, विधायक के परिवार को प्रताड़ित कर रहे हैं। इस पर सरकार ने तत्काल आरोपी अफसर को सस्पेंड किया।
सदन में अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर सवाल उठाने वाले कांग्रेस विधायक अभय मिश्रा ने कहा कि कोई मंत्री हो या संतरी सबके अंदर धड़का हुआ दिल है। मंत्री जी को आपबीती याद आई। दो महीने पहले उनके बच्चे के ऊपर फर्जी मुकदमा लगा। वो मंत्री होते हुए भी नहीं रुकवा पाए। वही उनको ध्यान आया होगा, वो भावुक हो गए। मिश्रा ने कहा कि 20 साल में बेलगाम अधिकारी राज है। आज एक विधायक डरा-डरा घूमता है। ये नहीं कि केवल विपक्ष बल्कि सत्ता पक्ष के विधायक के साथ भी यही हो रहा है।
कांग्रेस विधायक और पूर्व गृह मंत्री बाला बच्चन ने कहा कि ये सब सरकार के संरक्षण में हो रहा है। अगर ऐसा नहीं होता तो माफिया और गुंडों की इतनी हिम्मत नहीं होती। इसलिए सरकार को इसे रोकना चाहिए। मुख्यमंत्री जी के पास ही गृह विभाग है, इसलिए उनको ध्यान देना चाहिए।
(Udaipur Kiran) तोमर
