– जिला स्तर पर शासकीय कार्यालयों में दिव्यांजनों को रोजगार के लिये प्राथमिकता देने के निर्देश
भोपाल, 3 सितम्बर (Udaipur Kiran) । सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्यान मंत्री नारायण सिंह कुशवाह ने कहा है कि दिव्यांग जनों को रोजगार से जोड़ा जाएगा। सभी जिला कलेक्टर को जिला कार्यालयों में कैंटीन, फोटोकॉपियर टाइपिंग सेंटर जैसी रोजगार गतिविधियों में दिव्यांगजन को प्राथमिकता दिए जाने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा है कि यह गतिविधियां दिव्यांगजनों को समूह के रूप में भी प्रदान की जा सकती हैं। साथ ही बैंकों के माध्यम से रोजगार के लिए ऋण भी उपलब्ध कराए जाएंगे। मंत्री कुशवाह ने कहा है कि राज्य शासन विकलांगों के पुनर्वास कार्यक्रम को प्राथमिकता के साथ कर रहा है। यह जानकारी मंगलवार को जनसंपर्क अधिकारी अनिल वशिष्ठ ने दी।
उन्होंने बताया कि मंत्री कुशवाह ने कहा है कि राज्य सरकार दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण और उन्हें रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए विभिन्न योजनाएं और कार्यक्रम चला रही है। इसमें आरक्षण और रोजगार मेला दिव्यांगजनों के लिए सरकारी नौकरियों में आरक्षण का प्रावधान है। साथ ही रोजगार मेलों का आयोजन किया जाता है, जहां उन्हें निजी क्षेत्र की नौकरियों में भी अवसर मिलते हैं। दिव्यांगजनों को सक्षम बनाने के लिए विशेष कौशल विकास कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, जिससे वे आत्म-निर्भर बन सकें। इनमें विभिन्न प्रकार के तकनीकी और गैर-तकनीकी प्रशिक्षण शामिल हैं।
मंत्री कुशवाह ने कहा है कि जिन दिव्यांग भाइयों की आर्थिक स्थिति कमजोर है, उनके लिये राज्य सरकार द्वारा वित्तीय सहायता और ऋण योजनाएं शुरू की गई हैं, जिससे वे अपना व्यवसाय शुरू कर सकें। समावेशी शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थान राज्य में समावेशी शिक्षा और प्रशिक्षण के लिए विशेष संस्थान भी स्थापित किए जा रहे हैं जो दिव्यांगजनों को शिक्षा और प्रशिक्षण में मदद करते हैं। इन सभी कदमों का उद्देश्य दिव्यांगजनों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना और उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना है। सरकार निरंतर इन क्षेत्रों में सुधार लाने के लिए काम कर रही है और दिव्यांगजनों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए प्रतिबद्ध है।
(Udaipur Kiran) / उम्मेद सिंह रावत