– मंत्री शाह ने गैस राहत विभाग के कार्यों व गतिविधियों की समीक्षा की
भोपाल, 19 सितंबर (Udaipur Kiran) । जनजातीय कार्य, लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन तथा भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह ने कहा कि गैस पीड़ित परिवारों की महिलाओं एवं पढ़े-लिखे युवाओं को प्रशिक्षण देकर रोजगार/स्वरोजगार से जोड़ें और इन्हें आत्मनिर्भर बनायें। इसके लिए जनजातीय कार्य विभाग के अधीन प्रशिक्षण संस्था मध्यप्रदेश रोजगार एवं कौशल प्रशिक्षण परिषद (मैपसेट) का सहयोग लें। इस संस्था के माध्यम से सभी जरूरतमंदों को रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण दिलायें। प्रशिक्षण के लिये जरूरी राशि गैस राहत विभाग वहन करे।
मंत्री डॉ. शाह गुरुवार को गैस राहत संचालनालय में भोपाल गैस राहत त्रासदी व पुनर्वास विभाग के कार्यों एवं गतिविधियों की समीक्षा बैठक ले रहे थे। उन्होंने कहा कि गैस पीड़ित परिवार की महिलाओं को सिलाई-बुनाई-कढ़ाई का प्रशिक्षण दें। पढ़े-लिखे युवाओं को कम्प्यूटर कोर्सेस के अलावा पैरा मेडिकल कोर्सेस भी करायें। आठवीं कक्षा पास युवकों को हेवी व्हीकल चलाने, ट्रक ड्राइविंग, जेसीबी, पोकलेन मशीन चलाने का प्रशिक्षण दिलायें। उन्होंने कहा कि गैस पीड़ितों के बेहतर आर्थिक पुनर्वास के लिये विभाग बड़ी हेवी व्हीकल बनाने वाली कंपनियों से बात करें और इच्छुक युवाओं को प्रशिक्षण दिलाने के लिए सक्रियतापूर्वक कार्य करें।
बैठक में प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास संदीप यादव, संचालक, भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास स्वतंत्र कुमार सिंह और गैस राहत के विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
मंत्री डॉ. शाह ने कहा कि गैस राहत के पांच वरिष्ठ चिकित्सक यह चेक करें कि गैस पीड़ित जो मरीज सालों से दवा खा रहे हैं, उन्हें अब दवा सेवन की जरूरत है भी या नहीं। यह भी जांच करें कि गैस राहत अस्पतालों से दवा लेने वाले मरीज़ कहीं दवाओं का दुरुपयोग तो नहीं कर रहे हैं। मंत्री डॉ. शाह ने कहा कि गैस राहत के सभी अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्था पर विशेष ध्यान दें। अस्पतालों में कोई भी अवांछित व्यक्ति प्रवेश न करे। सभी अस्पतालों में बायोमैट्रिक इम्प्रैशन मशीन व सीसीटीवी कैमरे लगाये जायें। भोपाल शहर में मौजूद गैस राहत विभाग के स्वामित्व वाली भूमि व परिसरों (शेड) पर अतिक्रमण हटवाकर पुन: कब्ज़ा प्राप्त करें।
मंत्री डॉ. शाह ने कहा कि यूनियन कार्बाइड परिसर में मौजूद रासायनिक अपशिष्ट (कचरे) का समुचित तरीके से निपटान किया जाना है। यह महत्वपूर्ण कार्य पूरी सुरक्षा और एहतियात के साथ पूरा करें। रासायनिक कचरे के निपटान के लिए जब भी कोई भी कार्यवाही की जाये, वह शासन के संज्ञान में लाकर ही की जाये। रासायनिक कचरे के परिवहन के दौरान भोपाल जिला एवं पुलिस प्रशासन सहित परिवहन मार्ग में आने वाले जिलों के प्रशासन से भी यथा आवश्यकतानुसार सहयोग लें और प्रशासनिक समझदारी व आपसी समन्वय से यह महत्वपूर्ण कार्य पूर्ण करें।
(Udaipur Kiran) तोमर