
रांची, 28 मार्च (Udaipur Kiran) । राज्य के मंत्री, विधायक और अधिकारी समेत अन्य रसूखदार लोग अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाएं तभी सरकारी स्कूलों का आकर्षण लौटेगा और वे बेहतर तरीके से विकसति हो पाएंगे। यह बातें पासवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार दूबे ने शुक्रवार को कही।
दूबे ने कहा कि विधानसभा के बजट सत्र के दौरान सरकारी स्कूलों की दशा में सुधार को लेकर विस्तारपूर्वक चर्चा नहीं की गई जो राज्य की शिक्षा व्यवस्था के लिए चिंताजनक है। ऐसे में सरकारी विद्यालयों की विफलता का ठिकरा निजी विद्यालयों पर फोड़ना गलत है। उन्होंने कहा कि सरकार जानती है कि झारखंड के शिक्षण व्यवस्था की रीढ़ राज्य के निजी विद्यालय हैं जो न सिर्फ लाखों दलित, आदिवासी और पिछड़े वर्ग के बच्चों को गुणात्मक शिक्षा प्रदान करते हैं। साथ ही लाखों लोगों को रोजगार भी दे रहे हैं। ऐसे में निजी विद्यालयों का मनोबल बढ़ाने की बजाय उनका उत्साह तोड़ने का काम सरकार को नहीं करना चाहिए।
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(Udaipur Kiran) / Vinod Pathak
