Uttrakhand

पहाड़-मैदान की टिप्पणी पर मंत्री और विधायक की बहस, अध्यक्ष बोलीं- सदन में गरिमा का रखें ख्याल

विधानसभा अध्यक्ष ऋतू खंडूडी भूषण सत्र का संचालन करती।

देहरादून, 21 फरवरी (Udaipur Kiran) । उत्तराखंड विधानसभा सत्र के चौथे दिन शुक्रवार को सदन में मंत्री और विधायक एक दूसरे पर क्षेत्रवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाने लगे। मामला पहाड़ और मैदान पर आ गया। जिस पर विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूडी भूषण ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि सदन की गरिमा का ख्याल रखना चाहिए।

सत्र के चौथे दिन सदन की कार्यवाही शांतिपूर्वक तरीके चल रही थी। इसी दौरान कांग्रेस के अल्मोड़ा विधायक मनोज तिवारी ने जिला प्राधिकरण से संबंधित सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि पर्वतीय जिलों में जहां साइकिल खड़ी करने की जगह नहीं है। वहां नक्शा पास करने के लिए गाड़ी पार्किंग की अनिवार्यता कर दी गई है। जो मैदानी क्षेत्रों में तो संभव है,लेकिन पर्वतीय क्षेत्रों में यह व्यावहारिक नहीं है।

संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल मनोज तिवारी के सवाल का जवाब दे रहे थे। इसी बीच कांग्रेस विधायक मदन बिष्ट ने प्रेमचंद अग्रवाल की ओर इशारा करते हुए कहा कि यह पहाड़ियों के साथ सौतेला व्यवहार हैं। मदन बिष्ट की इस टिप्पणी पर संसदीय कार्य मंत्री नाराज हो गए। उन्होंने सदन के अंदर ही विपक्ष को खरी-खोटी सुनाई।

उन्होंने कहा कि क्या हमने उत्तराखंड बनाने के लिए आंदोलन नहीं किया? क्या हमारा आंदोलन इसलिए था कि प्रदेश को पहाड़ और मैदान में बांटा जाए।

विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी ने सख्त लहजे में कहा कि पहाड़-मैदान,गढ़वाल कुमाऊं, ठाकुर पंडित जैसी हल्की राजनीति करने की कोशिश नाकरें। ये उत्तराखंड हैं और उत्तराखंड की सीमा के अंदर आने वाला हर एक व्यक्ति उत्तराखंडी हैं। सदन की कार्यवाही को देश विदेश के लोग देखते हैं। ऐसे में उत्तराखंड की छवि बिगाड़ती है।

(Udaipur Kiran) / राजेश कुमार

Most Popular

To Top