जयपुर, 28 जनवरी (Udaipur Kiran) । राजस्थान अस्पताल लिमिटेड जयपुर में डॉ. रविंदर सिंह की ओर से किए गए मिनिमली इनवेसिव हार्ट वाल्व रिप्लेसमेंट प्रक्रिया के माध्यम से गुजरात के सूरत के एक 47 वर्षीय मोटापा ग्रस्त व्यक्ति को नया जीवन मिला है। मरीज ने आठ साल पहले ट्रांसकैथेटर एओर्टिक वाल्व रिप्लेसमेंट (टीएवीआर) करवाया था तथा अब वह सांस की गंभीर तकलीफ और गिरती सेहत से परेशान था। मरीज़ की रिकवरी की शुरूआत सूरत के एक अस्पताल में तीन महीने तक रहने के बाद शुरू हुई। जहां दवाओं से उसकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। जब उसकी सेहत लगातार गिरती गई, तो उसे विशेष हृदय देखभाल के लिए जयपुर के आरएचएल अस्पताल में स्थानांतरित किया गया। आरएचएल में जांच के बाद डॉक्टरों को पता चला कि उसके हृदय वाल्व में रिसाव की समस्या थी जो मरीज़ में लगातार दिख रहे लक्षणों का कारण बन रही थी। मेडिकल टीम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए 24 घंटे के भीतर मरीज की हालत को स्थिर किया और दूसरी टीएवीआर प्रक्रिया के लिए उसे तैयार किया। पारंपरिक ओपन-हार्ट सर्जरी के विपरीत, इस मिनीमली इनवेसिव प्रक्रिया से सर्जनों को छाती में बड़ा चीरा लगाए बिना दोषपूर्ण वाल्व को बदलने में मदद मिली। यह प्रक्रिया रोगी के लिए जीवन बदलने वाली साबित हुई।
डॉ. रविंदर सिंह राव ने बताया कि यह मामला हृदय की जटिल स्थितियों के उपचार में टीएवीआर जैसी मिनीमली इनवेसिव प्रक्रियाओं की प्रभावशीलता को उजागर करता है। रोगी को यह जीवन रक्षक उपचार प्रदान करके और उसके उल्लेखनीय सुधार को देखकर हम रोमांचित हैं।
उल्लेखनीय बात यह है कि प्रक्रिया के 24 घंटे के भीतर ही मरीज की हालत में नाटकीय रूप से सुधार हुआ। मात्र तीन दिन बाद ही वह चलने में सक्षम हो गया और सात दिनों के भीतर उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
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(Udaipur Kiran)