Uttar Pradesh

मिनी नंदिनी कृषि समृद्धि खोलेगी स्वरोजगार के द्वार, पशुपालन कर स्वावलंबी बनें ​किसान

मिनी नंदिनी कृषि समृद्धि याेजना खोलेगी स्वरोजगार के द्वारँ

– योजना के तहत लाभार्थी अंश 15 प्रतिशत, बैंक ऋण 35 प्रतिशत तथा इकाई लागत का अधिकतम 50 प्रतिशत अनुदान

मीरजापुर, 14 (Udaipur Kiran) । प्रदेश सरकार ने प्रति पशु दुग्ध उत्पादन के राष्ट्रीय औसत को बढ़ाने के लिए मिनी नंदिनी कृषक समृद्धि योजना आरम्भ की है। इस योजना के तहत योगी आदित्यनाथ सरकार ने उच्च गुणवत्ता वाली स्वदेशी नस्लों की गायों का चयन कर डेयरी इकाइयों की स्थापना कराने का निर्णय लिया है।

योजना के तहत 10 गायों की क्षमता वाली डेयरी इकाइयों की स्थापना की जाएगी। प्रत्येक इकाई पर लगभग 23.60 लाख रुपये खर्च होगा जिसमें सरकार और लाभार्थी दोनों का योगदान रहेगा। इन इकाइयों में केवल साहीवाल, गिर और थारपारकर जैसी उच्च गुणवत्ता वाली देशी नस्लों की गाय खरीदी जाएंगी, जिनकी दुग्ध उत्पादन क्षमता अधिक होती है। योजना के तहत चुनी गई गायों की नस्ल का मूल्यांकन उनकी उत्पादन क्षमता और गुणवत्ता के आधार पर किया जाएगा। योजना के तहत कैटल शेड और अन्य आधारभूत संरचनाओं का निर्माण आधुनिक तकनीक से किया जाएगा। गौ—पालकों को आधुनिक प्रशिक्षण भी दिया जाएगा, जिससे वे नए तकनीकी साधनों का उपयोग कर अपने पशुओं की देखभाल के साथ उनका प्रबंधन भी कर सकेंगें। गौपालन में तीन वर्ष का अनुभव वाले किसानों को प्रमुखता दी जाएगी जिससे योजना का लाभ वास्तविक जरूरतमंदों तक पहुंच सके।

मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. राजेश कुमार ने बताया कि पशुपालक गाय को प्रदेश के बाहर से भी क्रय कर सकते हैं। इसके लिए खरीदी जाने वाली गाय प्रथम या द्वितीय ब्यात की होनी चाहिए। उसने डेढ़ माह पहले बच्चे को जन्म दिया हो। लाभार्थी के पास लगभग .20 एकड़ अर्थात 8712 वर्ग फुट की जमीन तथा चारा के उत्पादन के लिए 34848 वर्ग फुट भूमि का होना अनिवार्य है। बताया कि मिनी नन्दिनी कृषक समृद्धि योजना के तहत लाभार्थी अंश 15 प्रतिशत, बैंक ऋण 35 प्रतिशत तथा इकाई लागत का अधिकतम 50 प्रतिशत अनुदान सरकार देगी। पशुपालन के इच्छुक किसान इसके लिए 30 नवंबर तक आवेदन कर सकते हैं।

(Udaipur Kiran) / गिरजा शंकर मिश्रा

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