RAJASTHAN

नए नियमों से खनिज सेक्टर को मिलेगा बूस्टअप, प्रक्रिया होगी सरलीकृत

खान एवं पेट्रोलियम विभाग के प्रमुख शासन सचिव टी. रविकान्त

जयपुर, 4 जनवरी (Udaipur Kiran) । राज्य सरकार ने राजस्थान खनिज नीति 2024 और राजस्थान एमसेण्ड नीति 2024 के प्रावधानों के अनुसार राजस्थान अप्रधान खनिज रियायत नियम 2017 में आवश्यक प्रक्रियात्मक संशोधन जारी कर दिए हैं। मुख्यमंत्री व खान मंत्री भजन लाल शर्मा ने नई सरकार के गठन के साथ ही प्रदेश में नई खनिज नीति लागू करने की घोषणा की थी। मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा की घोषणा के क्रम में चार दिसंबर 24 में नई खनिज और एम-सेण्ड नीति जारी करने के साथ ही अब राजस्थान अप्रधान खनिज रियायती नियमों में भी नई नीतियों के अनुरुप आवश्यक प्रावधान किये गए है।

राज्य की नई खनिज नीति व अब नियमों में प्रावधानों से खनिजों के खोज कार्य में तेजी लाने, खनिज रियायतों का समय पर आवंटन, खनन क्षेत्रों के विकास, खनिज बजरी व्यवस्था को सुव्यवस्थित करने, खनन नियमों व परमिट व्यवस्था सहित प्रक्रिया को आसान व पारदर्शी बनाने, अवैध खनन, निगर्मन व भण्डारण के विरुद्ध जीरो टोलरेंस नीति अपनाने, खनन क्षेत्र में नवीनतम तकनीक का उपयोग सहित प्रदेश में खनिज क्षेत्र में औद्योगिक निवेश, रोजगार और राजस्व बढ़ाने की राह प्रशस्त हो गई है।

प्रमुख सचिव माइंस टी. रविकान्त ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा राजस्थान अप्रधान खनिज रियायती नियम 2017 में आवश्यक नोटिफिकेशन जारी कर दिया है।

नए प्रावधानों के अनुसार समस्त रॉयल्टी पेड खनिजों के परिवहन में लागू ई-टी.पी. की व्यवस्था को ई-वे बिल के परिप्रेक्ष्य में खनिज बजरी, मेसेनरी स्टोन की गिट्टी, ग्रिट, क्रशर डस्ट, एम-सेण्ड तक सीमित किया गया है। स्ट्रीप ऑफ लैण्ड के वर्तमान प्रावधान से सम्भावित राजस्व हानि देखते हुए इसे समाप्त कर गैप क्षेत्र के आवंटन में रिजर्व प्राईस डेड रेन्ट व लाईसेंस फीस को 10 गुणा से बढाकर 25 गुणा किया गया है।

नगरीय निकाय क्षेत्रों में अवैध खनन को रोकने के लिए खनन पट्टा आवंटित करने की गाईडलाईन जारी की जाएगी। एम-सेण्ड नीति के प्रावधान अनुसार प्रत्येक जिले में प्रतिवर्ष दाे प्लॉट के स्थान पर पांच प्लॉट का आरक्षण कर नीलामी तथा नये ब्लॉक्स में खनन गतिविधियां तुरन्त प्रभाव से प्रारम्भ करने के लिए खनन की आवश्यक अनुमोदन या सहमतियां प्राप्त करने के पश्चात नीलामी की जाएगी। खातेदारी भूमि से छोटे-छोटे पोकेट्स में घिरी हुई सरकारी भूमि को सम्बन्धित खातेदार अथवा उसके सहमति धारक को आवंटित किया जा सकेगा। खनिज बजरी के खनन पट्टों की सीमित पट्टावधि के दृष्टिगत, क्षेत्र स्वीकृति से पूर्व पर्यावरण सहमति प्राप्त करने तथा अप्रधान खनिजों की नई खनन रियायतों में खनन समय पर प्रारम्भ करने के लिए मंशा पत्र की वैधता की अधिकतम समय सीमा पांच वर्ष निर्धारित किया गया है। खातेदारी भूमि में खनिज रियायतों की स्वीकृति के दौरान प्रीमियम राशि के भुगतान की समयावधि नीलामी से स्वीकृत खनिज रियायतों की समयावधि के अनुरूप की गई है।

नए प्रावधानों के अनुसार जनजाति क्षेत्र में अप्रधान खनिज की रियायतों की नीलामी में स्थानीय निवासियों की भागीदारी के लिए बिड सिक्योरिटी 10 लाख से घटाकर पांच लाख तथा खनिज रियायतों के प्लॉट्स की नीलामी में फर्जी बिड रोकने के लिए 30 करोड़ से अधिक की बोली पर बिड सिक्योरिटी की राशि, प्रस्तुत बिड राशि की 25 प्रतिशत निर्धारित की गई है। नई व पुरानी खनिज रियायतों में परफोरमेन्स सिक्योरिटी की राशि में विषमता को समाप्त कर सभी में डेड रेन्ट व लाईसेंस फीस का 50 प्रतिशत करने के प्रावधान किया है। सरेण्डर आवेदन पत्र के निस्तारण की समय सीमा निर्धारण, सरेण्डर पर खानों के डेड रेन्ट की गणना आनुपातिक रूप से करने के प्रावधान किया गया है। खनन पट्टा प्रारम्भ होने अथवा प्रारम्भ होने के पश्चात् लगातार दो वर्ष की अवधि तक खनिज का उत्पादन या निर्गमन नहीं करने पर खानों को लैप्स व रिवाईव करने, खनन पट्टों के हस्तान्तरण की संविदा निष्पादन व पंजीयन में विलम्ब पर लेट फीस निर्धारित करते हुए अनुमति देने, सड़क, आबादी, तालाब व अन्य स्थानों से 45 मीटर की दूरी में खनिज रियायतें स्वीकृत नहीं करने तथा खानों को उच्चाधिकारी के अनुमोदन पश्चात निरस्त करने के अधिकार प्रदान किया गया है।

माईन प्लान में जीरो वेस्ट माईनिंग प्रैक्टिस पर जोर, नीलामी में अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित करने तथा प्रक्रिया को ओर अधिक पारदर्शी बनाने के लिए रॉयल्टी वसूली ठेकेदारों का विभाग के साथ पंजीयन की वर्तमान व्यवस्था को समाप्त किया गया है। निजी क्षेत्र, विभिन्न निर्माण कार्यों के लिए खनिज मुर्रम के परमिट देने, फोरलेन, सिक्सलेन, रेलवे एम्बेकमेंट में प्रयुक्त साधारण मिट्टी हेतु खातेदारी भूमि में परमिट की बाध्यता हटाने, निर्माण कार्यों के लिए अल्पावधि अनुमति पत्रों में देय परमिट फीस के सरलीकरण, खानों के अन्दर एवं बाहर पडे हुए ऑवरबर्डन के निस्तारण, एम-सेण्ड प्लान्ट के लिए सरकारी भूमि में पडे़ हुए ऑवरबर्डन की वर्तमान नीलामी में रिजर्व प्राईस डेड रेन्ट के बराबर के स्थान पर 50 प्रतिशत डेड रेन्ट व इनमें रॉयल्टी राशि 50 प्रतिशत निर्धारित करने, कीननेस मनी की राशि दाे लाख के स्थान पर एक लाख किया गया है। खनिज जिप्सम की भांति अन्य सतही अप्रधान खनिजों के परमिट स्वीकृति के लिए गाईडलाईन जारी की जाएगी।

टी. रविकान्त ने बताया कि वैज्ञानिक एवं सुरक्षित खनन को बढावा देने के लिए भिन्न-भिन्न नामों से स्वीकृत खनिज रियायतों व मंशा पत्रों के अमलगमेशन, ड्रोन से वोल्यूमैट्रिक एसेसमेंट में पांच प्रतिशत तक की भिन्नता पर कार्यवाही से छूट, नाम परिवर्तन की सूचना देरी पर ‘‘विलम्ब के अनुसार’’ लेट फीस का निर्धारण, न्यायिक विवाद खत्म करने के लिए खनन रियायतों के ‘‘नल एण्ड वॉईड’’ करने की तिथि तक हुए खनन को वैध मानने, नो-ड्यूज प्रमाण पत्र जारी करने कीं समय-सीमा निर्धारण, नियमों में किसी भी औपचारिकता के पूर्ण करने के अंतिम दिवस, राजकीय अवकाश, अवकाश घोषित होने पर अगले कार्य दिवस पर औपचारिकताएं पूर्ण करने आदि सरलीकृत प्रावधान किये गये हैं। नए प्रावधान तत्काल प्रभाव से लागू हो गए हैं।

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(Udaipur Kiran) / रोहित

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