Uttar Pradesh

महाकुंभ प्रयागराज से लाखों श्रद्धालु काशी विश्वनाथ दरबार में पहुंच रहे

श्री काशी विश्वनाथ दरबार में मंगलाआरती: फोटो बच्चा गुप्ता

—मंदिर परिक्षेत्र श्रद्धालुओं से पटा,गंगा घाट भी भीड़ से फुल

वाराणसी,04 फरवरी (Udaipur Kiran) । प्रयागराज महाकुंभ से लाखों श्रद्धालुओं का काशी विश्वनाथ धाम में अनवरत पलट प्रवाह बना हुआ है। वसंत पंचमी पर महाकुंभ के तीसरे अमृत स्नान(शाही स्नान ) के बाद श्रद्धालु मंगलवार तड़के से ही शहर में उमड़ने लगे। रेलवे स्टेशन और शहर की सीमा से श्रद्धालु पैदल ही गंगा स्नान और श्री काशी विश्वनाथ दरबार में दर्शन-पूजन के लिए आते दिखे। पूरे राह आने-जाने वाले श्रद्धालुओं की सेवा में विभिन्न सामाजिक संगठन जुटे हुए हैं। लाखों श्रद्धालुओं की सुरक्षा और मंदिर में सुगम दर्शन को लेकर अफसर भी व्यवस्था का लगातार जायजा लेते दिखे। मंदिर में भी श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। मंदिर न्यास ने श्रद्धालुओं के सुचारू और सुरक्षित दर्शन के लिए कई प्रबंध किए हैं। इनमें भीड़ प्रबंधन के लिए अतिरिक्त कर्मी है। धाम में श्रद्धालुओं की चिकित्सकीय सहायता के लिए स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत किया गया है। मंदिर परिसर में स्वच्छता को लेकर खासा ध्यान दिया जा रहा है। इसके लिए अतिरिक्त कर्मचारी तैनात किए गए हैं। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मार्गदर्शन पथ और नियंत्रित जिगजैग कतार व्यवस्था लागू है। इसके अलावा जिलाधिकारी एस राजलिंगम,पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल,अपर पुलिस आयुक्त डॉ. एस चिनप्पा व अन्य अफसर भी लगातार व्यवस्था पर पैनी नजर जमाए हुए हैं।

मंदिर परिसर और धाम परिक्षेत्र में श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर प्रशासन अलर्ट मोड में है। मंदिर प्रशासन ने फरवरी माह के शुरुआती तीन दिनों में मंदिर में आए श्रद्धालुओं का आंकड़ा जारी किया है। इसमें एक फरवरी को 05लाख 69 हजार,दो फरवरी को 04 लाख 61 हजार,तीन फरवरी को सायंकाल 7.30 बजे तक 04 लाख 76 हजार श्रद्धालुओं ने दर्शन-पूजन किया था। वहीं,31 जनवरी को 07 लाख 53 हजार,30 जनवरी को 07 लाख 29 हजार श्रद्धालुओं ने दर्शन-पूजन किया था। मंदिर न्यास के अनुसार इस समय महाकुंभ के कारण प्रयागराज संगम से श्रद्धालुओं का बड़ी संख्या में पलट प्रवाह श्री काशी विश्वनाथ धाम में हो रहा है। इस पलट प्रवाह के दृष्टिगत श्रद्धालुओं को सुरक्षित सुगम दर्शन सुनिश्चित करने के लिए विशिष्ट व्यवस्था की गई है। इस व्यवस्था के अंतर्गत श्रावण मास के समान एंड टू एंड बैरिकेड के साथ श्रद्धालुओं के सतत प्रवाह को स्ट्रीमलाइन करते हुए दर्शन की व्यवस्था की गई है।

(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी

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