मुंबई, 26 अप्रैल (Udaipur Kiran) । मिल मजदूर अपने घरों को लेकर फिर से आक्रामक हो गए हैं। उन्होंने रविवार को बांद्रा पश्चिम स्थित मुंबई उपनगर के पालक मंत्री आशीष शेलार के कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। उनकी मांग है कि वे मुंबई के बाहर घर नहीं लेंगे और इस संबंध में 15 मार्च 2024 के जारी किए किए गए सरकारी फैसले को तत्काल रद्द किया जाना चाहिए।
मिल मजदूर यूनियन के नेतृत्व में यह मोर्चा निकाला जाएगा। यूनीयन के संतोष मोरे ने बताया कि उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ बीते शुक्रवार को हुई बैठक में मुंबई में ही घर उपलब्ध कराने और 15 मार्च 2024 के सरकारी फैसले को रद्द करने के संबंध में कोई ठोस निर्णय नहीं हुआ। बड़ी संख्या में मजदूर मंत्री शेलार के कार्यालय के बाहर इकट्ठा होंगे और विरोध प्रदर्शन करेंगे। ताकि शेलार हमारी मांगों को लेकर राज्य सरकार के साथ बातचीत करें। हमारी मांग है कि हमें मुंबई में ही घर दिए जाएं। ढाई लाख मिल मजदूरों और उनके उत्तराधिकारियों ने मिल की जमीन पर मकान की योजना के लिए म्हाडा को आवेदन प्रस्तुत किया है। इनमें से केवल 25 हजार मजदूरों को मुंबई में घर दिए जाएंगे। बाकी बचे 1.5 लाख मिल मजदूरों के घरों का मुद्दा गंभीर है।
पिछले साल राज्य सरकार ने शेष बचे मजदूरों और उनके उत्तराधिकारियों को मुंबई के बाहर घर उपलब्ध कराने का निर्णय लिया था और 89 हजार घरों की परियोजना भी शुरू की। ये घर शेटू और वांगनी में एक निजी डेवलपर के माध्यम से बनाए जाएंगे। हम इससे सहमत नहीं हैं। सरकार हमारी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है। उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने म्हाडा अधिकारियों और मिल मजदूरों के प्रतिनिधियों के साथ एक संयुक्त बैठक की थी। बैठक में म्हाडा को आदेश दिया गया था कि वह साइट सर्च करके 10 दिन के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करे कि क्या मुंबई में मजदूरों को घर उपलब्ध कराए जा सकते हैं।
—————
(Udaipur Kiran) / वी कुमार
