श्रीनगर, 29 अप्रैल (Udaipur Kiran) । पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद घाटी में पैदा हुए तनावपूर्ण माहौल के चलते बाहरी राज्यों से आये प्रवासी मजदूरों को पलायन करने के लिए सोचने पर मजबूर होना पड़ रहा है। लगभग 20-25 प्रतिशत मजदूर जो यहां दिहाड़ी मज़दूरी करते थे, ने पंजाब और अन्य राज्यों का रुख किया है। हालांकि इस बीच जम्मू कश्मीर पुलिस और अन्य सुरक्षाबलों ने उन क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ा दी है जिन इलाकों में यह प्रवासी मजदूर रहते हैं।
बिलाल लोन नामी एक ठेकेदार ने कहा कि वो कंट्रक्शन का काम करता है और हर साल उसके पास करीब 200 से अधिक मजदूर आते हैं जो उसकी टीम का हिस्सा होते हैं। उन्होंने बताया कि पहलगाम हमले के बाद उनमें भी डर का माहौल पैदा हो गया है। करीब 50 तो उनमें से पंजाब चले गए हैं जबकि जो यहां रह रहे हैं उनमें भी खौफ पैदा हो गया है।
बिलाल ने बताया कि वो रोजाना उनके कमरों पर जाकर उनसे मुलाकात करते हैं ताकि उनको सुरक्षित माहौल का एहसास हो सके। उन्होंने बताया कि श्रीनगर शहर की बात करें तो करीब 20 प्रतिशत प्रवासी मजदूर लौट चुके हैं।
इस बीच बिहार मोतिहारी के दीना लाल शर्मा जोकि कश्मीर में पिछले करीब 20 साल से बढ़ई का काम करते हैं ने कहा कि जब भी ऐसे हमले होते हैं तो डर जरूर रहता है। हमारे कई साथी लौट जाते हैं लेकिन हमें यहां स्थानीय लोगों से काफी सहयोग मिलता है।
जम्मू कश्मीर पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि ऐसे लोग हमेशा सॉफ्ट टारगेट रहते हैं और उनकी सुरक्षा के लिए पुख्ता प्रबंध किए जाते हैं। उन्होंने बताया कि इस हमले के बाद से उन इलाकों में जहां यह लोग रहते हैं, वहां सीआरपीएफ की पेट्रोलिंग बढ़ा दी गई है और साथ ही इन लोगों से जल्दी अपने कमरों में जाने और बिना किसी काम बाहर घूमने से परहेज करने की भी सलाह दी है।
(Udaipur Kiran) / राधा पंडिता
