HEADLINES

आसमान में सोमवार को वैशाख पूर्णिमा पर कम चमक के साथ दिखेगा माइक्रो फ्लावर मून

माइक्रो फ्लावर मून की जानकारी देते हुए विज्ञान प्रसारक सारिका

– अपेक्षाकृत छोटा और कम चमकदार महसूस होगा वैशाख पूर्णिमा का चांदभोपाल, 11 मई (Udaipur Kiran) । खगोल विज्ञान में रुचि रखने वाले लोगों के लिए सोमवार, 12 मई को वैशाख पूर्णिमा (बुद्ध पूर्णिमा) के दिन एक खास खगोलीय घटना हो जा रहे है। इस दिन आम पूर्णिमा की तुलना में बुद्ध पूर्णिमा का चंद्रमा न केवल छोटा महसूस होगा, बल्कि इसकी चमक भी अपेक्षाकृत कमजोर होगी। इस दौरान चंद्रमा सूर्यास्‍त के बाद शाम को पूर्व दिशा में उदित होता दिखेगा और रातभर आकाश में रहकर सुबह सबेरे पश्चिम दिशा में अस्‍त होगा।

नेशनल अवार्ड प्राप्‍त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने रविवार को इस खगोलीय घटना के बारे में बताया कि सोमवार की रात्रि चंद्रमा की पृथ्‍वी से दूरी लगभग चार लाख छह हजार किलोमीटर होगी। पृथ्वी से चंद्रमा की दूरी अधिक दूर होने के कारण वह न केवल अपेक्षकृत छोटा महसूस होगा, बल्कि चमक भी कम महसूस होगी। खगोल विज्ञान में इसे माइक्रोमून का नाम दिया गया है, जबकि सुपरमून पूर्णिमा के समय यह दूरी लगभग तीन लाख 60 हजार किलोमीटर रहती है।

सारिका ने बताया कि इसे माइक्रो फ्लावर मून नाम इसलिए दिया गया है, क्‍योंकि पश्चिमी देशों में मई में कई जंगली फूल खिलते हैं। संभवत: रंग-बिरंगे फूलों ने वहां के निवासियों ने चंद्रमा का यह नामकरण किया है। भारत में माह का नामकरण पूर्णिमा पर चंद्रमा के आसपास स्थित नक्षत्र के नाम पर किया जाता रहा है। चूंकि पूर्णिमा पर चंद्रमा विशाखा नक्षत्र में होगा, इसिलए इस महीने का नाम वैशाख तथा पूर्णिमा को वैशाखी पूर्णिमा नाम दिया गया है।

क्‍या होता है माइक्रोमून –सारिका ने बताया कि चंद्रमा पृथ्वी की परिक्रमा एक अण्डाकार पथ पर करता है। चंद्रमा की कक्षा में पृथ्वी के सबसे निकट स्थित बिंदू को पेरिगी कहा जाता है, जबकि पृथ्वी से सबसे दूर स्थित बिंदू को अपोजी कहा जाता है। जब पूर्णिमा अपोजी के आसपास होती है, तो उसे माइक्रोमून, मिनीमून या अपोजी मून कहा जाता है।————

(Udaipur Kiran) तोमर

Most Popular

To Top