
गाजियाबाद, 9 जून (Udaipur Kiran) । देश की पहली रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) ट्रेन अब मेरठ के अंदरुनी हिस्सों में पहुंचने वाली है।
नमो भारत के नाम से पहचान बनाने वाली इस ट्रेन के रूट पर मेरठ शहर में अब मेट्रो भी चलेगी। जिससे शहर के खेल उद्योग सहित अन्य उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा और दिल्ली तक पहुंच बेहद आसान व तीव्र हो जाएगी। मेरठ शहर में 23 किमी लंबा रूट तैयार हाेगा।
एनसीआरटीसी के प्रवक्ता पुनीत वत्स ने सोमवार को बताया कि वर्तमान में दिल्ली के न्यू अशोक नगर से मेरठ साउथ के बीच दौड़ रही नमो भारत ट्रेन का मेरठ की तरफ अगला स्टेशन शताब्दी नगर है, जो संचालन के लिए तैयार हो रहा है। खास बात है कि मेरठ साउथ से ही मेट्रो भी संचालित होनी है। परतापुर और रिठानी, मेरठ साउथ से शताब्दी नगर के बीच में दो मेट्रो स्टेशन हैं। इन स्टेशनों पर नमो भारत का स्टॉप नहीं होगा और केवल मेट्रो ट्रेन रुकेंगी। शताब्दी नगर के बाद नमो भारत का अगला स्टेशन बेगमपुल है, जिसे मेरठ का दिल भी कहा जाता है। मेरठ में कई तरह के उद्योग हैं, जिनमें खेलों से जुड़ा सामान जैसे क्रिकेट बैट विश्व प्रसिद्ध हैं। इसके अलावा कई तरह के खेल उपकरण भी मेरठ में ही बनाए जाते हैं।
उन्हाेंने बताया कि मेरठ के परतापुर और रिठानी में कई औद्योगिक इकाइयां हैं। इस क्षेत्र में खेलों से जुड़े कई तरह के उपकरण भी बनाए जाते हैं, जिनकी सप्लाई न सिर्फ देश में बल्कि विदेशों तक है। साथ ही जूते बनाने वाली कंपनियां भी यहां हैं, जो देश के कई हिस्सों में अपना सामान भेजती हैं। उन्हाेंने बताया कि इसी क्षेत्र में दूध की एक बड़ी कंपनी का प्लांट है, जिसका संचालन सहकारी समिति करती है। इस प्लांट में दूध और इससे बनने वाले तमाम उत्पादों की प्रोसेसिंग, पैकिंग आदि से जुड़े कार्य किए जाते है और इनकी सप्लाई भी होती है। इसके अलावा अचार और मुरब्बे बनाने और इसकी प्रोसेसिंग से जुड़े कार्य करने के लिए भी इन क्षेत्रों में फैक्ट्री हैं। इन औद्योगिक इकाइयों में काफी सामान दिल्ली से भी आता है, जिसके लिए कर्मचारियों को दिल्ली आना-जाना पड़ता है।
उन्हाेंने बताया कि मेरठ का सबसे नजदीकी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा दिल्ली में है। पहले जो दूरी बस या निजी कार से घंटों में पूरी होती थी, वो अब मिनटों में सिमट जाएगी। नमो भारत ट्रेन से दिल्ली-गाजियाबाद से मेरठ साउथ तक का सफर करने वाले लोगों को फिलहाल मेरठ के अदरुनी हिस्से में जाने के लिए ऑटो या सिटी बस का विकल्प लेना पड़ता है, लेकिन मेट्रो के चलने से ये सफर और भी आनंददायक, तीव्र और सुरक्षित हो जाएगा। वत्स ने बताया कि तीन कोच वाली मेट्रो मेरठ में 23 किलोमीटर के सेक्शन में दौड़ेगी, जिसके लिए 13 स्टेशन तैयार हो रहे हैं। मेरठ साउथ से चलकर मोदीपुरम डिपो तक मेट्रो सेवा यात्रियों को मिलेगी।
उन्होंने बताया कि नमाे ट्रेन देश की सबसे तेज मेट्रो है, जिसकी अधिकतम ऑपरेशनल स्पीड 120 किलोमीटर प्रतिघंटा है। देश में ऐसा पहली बार है कि जिस ट्रैक और इन्फ्रास्ट्रक्चर पर सेमी हाई-स्पीड नमो भारत दौड़ेगी, उसी पर मेरठ मेट्रो का संचालन भी होगा। नमो भारत कॉरिडोर के आसपास के क्षेत्र को ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट (टीओडी) नीति के तहत विकसित किया जाएगा। इस कॉरिडोर के आसपास ही सभी तरह की सुविधाएं मिलेंगी और मौजूदा सुविधाओं का विकास होगा। टीओडी, तेजी से हो रहे शहरीकरण से उत्पन्न चुनौतियों के लिए समाधान देता है जिसमें कुशल सार्वजनिक परिवहन प्रणालियों पर केंद्रित कॉम्पैक्ट व विकास के लिए भूमि के इस्तेमाल और परिवहन के एकीकरण पर जोर दिया जाता है।
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(Udaipur Kiran) / फरमान अली
