
जम्मू, 21 मई (Udaipur Kiran) । केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर द्वारा शुरू किए गए पांच महीने लंबे नशा विरोधी अभियान के तहत बुधवार को सरकारी गर्ल्स हायर सेकेंडरी स्कूल (जीजीएचएसएस), मीरां साहिब में प्रिंसिपल अशोक चोपड़ा के नेतृत्व में एक आकर्षक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य युवाओं और व्यापक समुदाय के बीच नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खतरों को उजागर करना और एक स्वस्थ, नशा मुक्त जीवन शैली को बढ़ावा देना था।
इस कार्यक्रम में छात्रों, अभिभावकों, शिक्षकों, स्थानीय निवासियों और स्वास्थ्य विभाग, समाज कल्याण विभाग और पुलिस विभाग के प्रमुख प्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी देखी गई जिसमें मादक द्रव्यों के सेवन के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए एक मजबूत सामुदायिक प्रयास दिखाया गया। अनुराधा ठाकुर, एसडीएम आर.एस.पुरा ने इस पहल की प्रशंसा की और नशे की लत से लड़ने के लिए अपने विभाग के समर्पण पर जोर दिया। उन्होंने आंदोलन में छात्रों और अभिभावकों की भागीदारी को एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
भौतिकी के व्याख्याता राजेश्वर सूदन ने इस बात पर विचारोत्तेजक चर्चा के साथ सभा को संबोधित किया कि शिक्षा किस तरह से नशीली दवाओं के दुरुपयोग को रोकने में केंद्रीय भूमिका निभाती है, खासकर युवाओं में। पुलिस विभाग के फैज अहमद ने कानून प्रवर्तन के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में जानकारी साझा की और समुदाय से नशीली दवाओं से संबंधित गतिविधियों की रिपोर्ट करने में सतर्क और सहयोगी बने रहने का आग्रह किया। स्वास्थ्य विभाग का प्रतिनिधित्व करने वाली डॉ. कनिका चिब ने नशे की लत के विनाशकारी शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य परिणामों के बारे में बात की और शीघ्र हस्तक्षेप और जागरूकता की आवश्यकता पर बल दिया।
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण छात्रों द्वारा प्रस्तुत एक गहन भावनात्मक नाटक था जिसमें उपेक्षा और साथियों के दबाव के कारण नशीली दवाओं के शिकार होने वाले युवाओं की दुखद यात्रा को दर्शाया गया था। इस प्रदर्शन ने सभी उपस्थित लोगों पर गहरा प्रभाव छोड़ा और चिंतन को प्रेरित किया। कक्षा 12 की छात्रा वैशाली जंगराल ने अपने साथियों को नशीली दवाओं की भ्रामक प्रकृति के बारे में चेतावनी देते हुए एक भावुक और प्रेरक भाषण दिया और उन्हें जागरूक रहने और सकारात्मक जीवन विकल्प चुनने के लिए प्रोत्साहित किया।
वरिष्ठ व्याख्याता नीलम कुमारी ने नशीली दवाओं के दुरुपयोग को जमीनी स्तर से जड़ से उखाड़ने के लिए परिवारों, स्कूलों और अधिकारियों के बीच एकजुट कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया।
(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा
