जोधपुर, 19 नवम्बर (Udaipur Kiran) । शहर के एक हैंडीक्राफ्ट व्यवसायी ने मर्सिडीज बेंज कार खरीदी और जब वह परिवार के साथ अहमदाबाद जा रहे थे तब अचानक से एयर बैग खुल गए। ऐसे में हादसा होते-होते बचा। इस पर व्यवसायी ने डीलर को कार सौंपकर शिकायत की और बताया कि इसकी मैन्यूफैक्चरिंग में डिफॉल्ट है। इस पर डीलर ने ठीक करने का आश्वासन दिया लेकिन ठीक नहीं की। व्यवसायी ने रजिस्ट्रेशन शुल्क व हर्जाना मांगा तब डीलर ने मना कर दिया। इस पर व्यवसायी ने उपभोक्ता आयोग की शरण ली। याचिका की सुनवाई के बाद आयोग ने फैसला करते हुए कहा कि अपने-आप एयरबैग खुलना सर्विस फॉल्ट है। आयोग ने डीलर पर पांच लाख रुपये व्यवसायी को मानसिक क्षति के एवज में अदा करने का आदेश दिया। साथ ही दो माह में गाड़ी ठीक करने के आदेश जारी किए।
राज्य उपभोक्ता जोधपुर बैंच के समक्ष परिवादी सनसिटी आर्ट एक्सपोर्ट के पार्टनर जितेंद्र जैन ने मर्सिडीज़ बेंच कंपनी एवं स्थानीय डीलर टी एंड टी मोटर के विरुद्ध परिवाद प्रस्तुत करते हुए बताया कि परिवादी ने डीलर से मर्सडीज बेंच कार 88 लाख 87 हज़ार देकर खरीदी थी तथा रजिस्ट्रेशन के 9 लाख 94 हजार रुपये अदा किए। गत वर्ष जून में वह उदयपुर से अहमदाबाद अपनी पत्नी के साथ जा रहा था। गाड़ी में अचानक ड्राइवर साइड के कर्टन एयरबैग बिना किसी कारण के खुल गए। परिवादी और उसकी पत्नी दुर्घटना में बाल-बाल बचे। इसके बाद परिवादी की कार डीलर के यहां पहुंचा दी गई। डीलर ने बार-बार कार को जल्दी ठीक करके देने का आश्वासन दिया लेकिन कार को ठीक नहीं किया। डीलर स्वयं कई दिनों तक कार में फॉल्ट को समझ नहीं पाया। डीलर ने परिवादी को कटसी कार भी उपलब्ध नहीं करवाई। कार डेढ़ वर्ष से वर्कशॉप में पड़ी है। डीलर ने डिफेक्टिव कार परिवादी को दी जिसके बदले परिवादी ने नई कार देने और पंजीयन की राशि व हर्जाना दिलाने की मांग की। आयोग में डीलर की ओर से उसके वकील ने बताया कि कार का कमर्शियल यूज हो रहा था और पहले बताया गया था कि अहमदाबाद जाते समय कार के पास चल रहे ट्रक का टायर फटने के कारण और बैग खुलना और बाद में उन्होंने बाद बात बदल कर इसे मैन्यूफैक्चरिंग डिफेक्ट बताया। तकनीकी टीम ने जब कार का निरीक्षण किया तब पाया कि एयरबैग के सेंसर पर तेज प्रेशर पढऩे से एयरशॉक के कारण एयरबैग खुले। यह एक एक्सीडेंट केस है। कार में किसी प्रकार का मैन्यूफैक्चरिंग डिफेक्ट नहीं है। परिवादी ने आवश्यक रिपेयर करने के संबंध में अप्रूवल नहीं दी। परिवादी को एस्टीमेट भी दिया गया था, अगर वाहन में मैन्यूफैक्चरिंग डिफॉल्ट होता तो कार हजारों किलोमीटर कैसे चली।
अपने आप एयरबैग खुलना सेवा दोष
दोनों पक्षों की दलील सुन कर आयोग की न्यायिक सदस्या उर्मिला वर्मा एवं सदस्य लियाकत अली ने अपने निर्णय में कहा कि कोई भी कार को कमर्शियल यूज से खरीदा गया है या नहीं यह प्रत्येक प्रकरण के तथ्य एवं परिस्थितियों पर निर्भर करेगा। कार के पास से ट्रक निकला था उसका टायर ब्रस्ट हुआ यह सूचना परिवादी ने दी ऐसा कोई दस्तावेज पत्रावली पर मौजूद नहीं है। कार के मैनुअल में भी यह प्रदर्शित है कि वाहन के एयरबैग टक्कर होने पर ही खुलेंगे, जबकि कार की कोई टक्कर नहीं हुई। आयोग ने अपने विस्तृत निर्णय में कहा कि मर्सिडीज़ बेंज कार में बिना टक्कर के साइड के एयरबैग खुल गए जो सेवा दोष है। आयोग में परिवादी का परिवाद स्वीकार करते हुए अपने आदेश में कहा कि कार का एयरबैग व आवश्यक पार्ट्स दो माह में बदलकर सुपुर्द करें। परिवादी को हुई मानसिक परेशानी के लिए पांच लाख रुपए दो माह की अवधि में अदा करने और 25 हजार रुपए परिवाद व्यय के देने के आदेश दिए। परिवादी की ओर से अधिवक्ता लता जैन और विपक्षिगण की ओर से अधिवक्ता मोहित शर्मा एवं एनके दाधीच उपस्थित हुए।
(Udaipur Kiran) / सतीश