
रांची, 17 मई (Udaipur Kiran) । असफलता से हतोत्साहित नहीं होना चाहिए। नाकामी का लुत्फ़ उठाएं, क्योंकि सफलता के बीज इसमें ही छिपे होते हैं। नवाचार समाज के आम लोगों को ध्यान में रख कर, कम खर्च पर होनी चाहिए। इसमें नवीनता, विशेषता और उपयोगिता पर ध्यान देना जरूरी है।
बीआईटी मेसरा में आयोजित मेंटरशिप वर्कशॉप में विशेषज्ञों ने शनिवार को उक्त बातें कही। इसमें इंस्पायर अवॉर्ड में नेशनल स्तर पर चयनित झारखंड के 15 बाल वैज्ञानिकों के मॉडल को अपग्रेड करने के लिए सुझाव दिये गये। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय नवप्रवर्तन संस्थान भारत, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग भारत सरकार, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग झारखंड और बीआईटी मेसरा के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया था।
कार्यक्रम में विशेषज्ञ के रूप में डॉ सतीश कुमार, डॉ सनत कुमार मुखर्जी, डॉ नरेंद्र यादव, डॉ संजीत कुमार, डॉ राजीव कुमार, डॉ राहुल प्रकाश, डॉ आनंद प्रसाद सिन्हा उपस्थित थे। कार्यक्रम के उदघाटन समारोह के मुख्य अतिथि संयुक्त सचिव नंदकिशोर लाल थे।
विशिष्ट अतिथि के रूप में नीलम आईलिन टोप्पो, डॉ भास्कर कर्ण, अपर्णा तिवारी उपस्थित थे। आयोजन में डॉ शाहनवाज क़ुरैशी,दिवाकर सिंह, सुमीत मुखर्जी सहित अन्य ने सक्रिय भूमिका निभाई।
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(Udaipur Kiran) / Vinod Pathak
