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प्रदेश में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को बनाया जाएगा और सुदृढ

प्रदेश में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को बनाया जाएगा और सुदृढ

जयपुर, 17 दिसंबर (Udaipur Kiran) । प्रदेश में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को और सुदृढ़ बनाया जाएगा। इसके लिए राजकीय चिकित्सा संस्थानों में मानसिक रोगियों के उपचार एवं काउंसलिंग के लिए आवश्यक मानव संसाधन की उपलब्धता बढ़ाई जाएगी। साथ ही, राज्य में मनोरोग चिकित्सा संस्थानों एवं प्रोफेशनल्स का रजिस्ट्रेशन शुरू किया जाएगा। यह रजिस्ट्रेशन सरल, सुगम एवं ऑन लाइन होगा। इससे प्रदेश में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की क्वालिटी में सुधार आएगा एवं सेवाओं का विस्तार भी हो सकेगा।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ ने मंगलवार को स्वास्थ्य भवन में आयोजित स्टेट मेंटल हेल्थ अथॉरिटी की प्रथम बैठक की अध्यक्षता करते हुए इस संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि टेलीमानस हेल्पलाइन के माध्यम से सामने आने वाले मामलों में रोगी को त्वरित उपचार उपलब्ध करवाने के लिए रेफरल सिस्टम को मजबूत किया जाए। साथ ही, इस हेल्पलाइन को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए व्यापक प्रचार—प्रसार किया जाए। पुलिस को भी इस हेल्पलाइन के संबंध में समुचित जानकारी उपलब्ध करवाई जाए।

मनोरोग संस्थान एवं नशा मुक्ति केंद्रोंं के लिए बनाएंगे एसओपी

राठौड़ ने कहा कि प्रदेश में मनोरोग चिकित्सा संस्थानों तथा नशा मुक्ति केंद्रों के नियमानुसार संचालन के लिए एक एसओपी तैयार की जाएगी। साथ ही, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग और जिला प्रशासन के एक प्रतिनिधि को शामिल कर एक टीम बनाई जाएगी, जो नशा मुक्ति केंद्रों का नियमित निरीक्षण करेगी। नियमों के विपरीत चल रहे नशा मुक्ति केंद्रों पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

रेगुलेशन एवं मिनिमम स्टैण्डर्ड के ड्राफ्ट पर चर्चा

उन्होंने कहा कि नए मनोरोग चिकित्सा संस्थानों के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को सुगम एवं सरल बनाया जाएगा, ताकि मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता बेहतर हो सके। बैठक में मनोरोग चिकित्सा संस्थानों के लिए रेगुलेशन एवं मिनिमम स्टैण्डर्ड के ड्राफ्ट पर भी चर्चा की गई। प्रमुख शासन सचिव ने कहा कि प्रदेश में आमजन को उनके नजदीकी स्थान पर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने की दृष्टि से 31 जनवरी तक मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य शिविरों का आयोजन किया जा रहा है, इन शिविरों में यथासंभव मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं भी उपलब्ध कराई जाएं।

सामाजिक भ्रांतियों को दूर करने पर जोर

राठौड़ ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं के उन्नयन के लिए इस क्षेत्र में कार्यरत एनजीओ, डवलपमेंट पार्टनर्स तथा अन्य निजी संस्थाओं का भी आवश्यक सहयोग लिया जाए। मानसिक रोगियों एवं मानसिक बीमारियों के प्रति सामाजिक भ्रांतियों को दूर करने के साथ ही ऐसे रोगियों के अधिकारों की रक्षा की जाए और यह सुनिश्चित करें कि उनके साथ सदव्यवहार हो।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की मिशन निदेशक एवं स्टेट मेंटल हैल्थ अथॉरिटी की मुख्य कार्यकारी अधिकारी भारती दीक्षित ने राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के बेहतर क्रियान्वयन के लिए किए जा रहे प्रयासों से अवगत कराया। अथॉरिटी के सदस्य सचिव निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश माथुर ने बताया कि प्रदेश के सभी जिला चिकित्सालयों में मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं।

राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के राज्य नोडल अधिकारी डॉ. सांवर मल स्वामी ने अथॉरिटी के गठन, भूमिका, नियमों, विनियमों, न्यूनतम मापदण्डों एवं गतिविधियों के संबंध में विस्तार से जानकारी दी।

बैठक में संयुक्त सचिव विधि अंकित रमन, अथॉरिटी के अन्य सदस्यगण, गैर सरकारी सदस्य एवं विशेष आमंत्रित सदस्यों ने मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ बनाने के संबंध में सुझाव दिए।

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(Udaipur Kiran)

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