
इंदौर, 17 मई (Udaipur Kiran) । जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने कहा कि 20 मई को माँ अहिल्या माता की पावन स्मृति में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा इन्दौर में कैबिनेट बैठक करने का सराहनीय निर्णय लिया गया है। अहिल्या माता की स्मृतियों को चिरस्थायी बनाये रखने के लिए मध्य प्रदेश में आपके नेतृत्व में कई प्रभावशाली निर्णय लिये जा रहे हैं। मातृशक्ति की अनुपम प्रतीक, न्यायप्रिय, प्रजावत्सला तथा अद्वितीय शासिका राजमाता अहिल्याबाई होलकर के यशस्वी जीवन से आज की पीढी प्रेरणा ले सकेगी।
मंत्री सिलावट ने शनिवार को एक बयान में कहा कि राजमाता अहिल्याबाई होलकर का विवाह उपरांत आगमन कम्पेल तहसील खुडैल विधानसभा सांवेर जिला इन्दौर में होकर प्रथम राजधानी के रूप में घोषित की गई थी। किन्तु सुरक्षा कारणों से राजधानी को कम्पेल से महेश्वर स्थानान्तरित किया गया। उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. यादव से मांग की है कि उनकी प्रथम राजधानी कम्पेल स्थित कचहरी, बावडी, शंकर मंदिर एवं उनके द्वारा स्थापित विश्व का एकमात्र गोवर्धन नाथजी का दस भुजानाथ मंदिर को संरक्षित कर स्मारक के रूप में विकसित किया जाए। मध्य प्रदेश में लाडली सेना का नाम बदल कर राजमाता अहिल्या सेना के नाम से नामकरण घोषित किया जाए।
इसी तरह जिला अस्पताल का नामकरण राजमाता अहिल्याबाई के नाम से करने का अनुरोध है। जल गंगा संवर्धन अभियान अन्तर्गत राजमाता अहिल्याबाई के द्वारा पूरे देश एवं प्रदेश में निर्मित घाट, बावडी, तालाब, सराय, धर्मशाला, आदि का जीर्णोद्वार एवं संरक्षित करने का निर्णय लिया जाए। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय स्थित सभागृह का नामकरण राजमाता अहिल्याबाई सभागृह किया जाए। खेल, शिक्षा, कला, संस्कृति एवं चिकित्सा के क्षेत्र में अभूतपूर्व योगदान देने वाली महिलाओं को राष्ट्रीय एवं अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिवर्ष एक लाख रूपये सम्मान पुरस्कार राशि एवं अहिल्या गौरव राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित करने का निर्णय लिया जाए। इन्दौर में एक राजकीय स्मृति संग्रहालय अथवा डिजिटल गैलरी की स्थापना हो, जिसके अन्तर्गत वर्तमान व आने वाली पीढी के लिए प्रेरणा व मार्गदर्शन स्वरूप उनके द्वारा किये गए कार्यों जैसे न्याय करने व शासन करने की पद्धति, नारी सशक्तिकरण, पर्यावरण सुधार आदि का वर्णन हो। साथ ही उनके द्वारा किये गए संपूर्ण कार्यों की जानकारी एवं चित्रों के साथ कॉफीटेबल बुक के रूप में बनायी जाने चाहिए। इन्दौर स्थित लालबाग पैलेस का नामकरण देवी अहिल्याबाई होलकर के गुरुतुल्य श्वसुर सुबेदार मल्हारराव होलकर परिसर किया जाये। इसी परिसर पर सुबेदार मल्हारराव की प्रतिमा स्थापित है एवं इसी परिसर के एक भाग में अहिल्या स्मारक निर्माणाधीन है।
इन्दौर शहर में आगमन के प्रत्येक राजमार्ग पर भव्य देवी अहिल्याबाई होलकर द्वारबनाये जाना चाहिए। इन्दौर एवं महेश्वर के मध्य ऐतिहासिक जामगेट जिसका निर्माण अहिल्याबाई होलकर द्वारा व्यापारियों एवं यात्रियों की सुविधा के लिए किया गया था, उस जामगेट के पास लगभग 125 फीट ऊंची मातोश्री देवी अहिल्याबाई होलकर की पूर्ण प्रतिमा लगाकर उस क्षेत्र को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित किया जाए। इन्दौर में नवनिर्मित आईएसबीटी कुमेडी बस स्टेण्ड का नामकरण अहिल्याबाई होलकर अन्तर्राज्यीय बस स्टैण्ड किया जाए। इन्दौर रेलवे स्टेशन का विस्तार एवं पुनर्निर्माण कर स्टेशन का नाम अहिल्याबाई होलकर रेलवे स्टेशन किया जाए।
(Udaipur Kiran) तोमर
