
सहारनपुर, 24 मार्च (Udaipur Kiran) । राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन द्वारा राणा सांगा पर की गई टिप्पणी से राजपूत समाज में रोष व्याप्त है। देवबंद में राजपूत चेतना मंच के बैनरतले समाज के लोगों ने प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजा है।
ज्ञापन में कहा गया है कि राणा सांगा ने मुगलों से कड़ा संघर्ष किया। सांसद ने उन्हें और उनके वंशजों को गद्दार कहकर पूरे क्षत्रिय समाज की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। समाज के लोगों ने सांसद की सदस्यता समाप्त करने और उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की मांग की है। राजपूत समाज ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांग पूरी नहीं की गई तो वे पूरे देश में आंदोलन करेंगे और इसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी।
भाकियू नेता अरुण राणा ने कहा कि हमने अखिलेश यादव को यूपी में कई सीटें जितवाई है, लेकिन आज अपने राज्यसभा सांसद के बयान का समर्थन कर अखिलेश यादव ने क्षत्रिय समाज को गहरी ठेस पहुंचाई है। हम लोग सोच रहे थे कि बीजेपी हिन्दू मुसलमानों को आपस में बांट रही है, पर हम गलत थे और अब हम समझे हैं कि अखिलेश यादव जैसे नेता ही हिंदू-मुसलमान को बांटने का काम कर रहे हैं।
भारतीय मानवाधिकार जागृति संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक पुंडीर ने राज्यसभा सांसद रामजी लाल सुमन को लल्लू सुमन बताते हुए कहा-ये वो लोग हैं, जिन्हें कोई जानता नहीं है। अनर्गल बयानबाजी कर चर्चाओं में रहना चाहते हैं। उन्हें इतिहास की कोई जानकारी नही है। राणा सांगा ने सदा मुगलों के विरुद्ध लड़ाई लड़ी। 1509 ईसवी से 1528 तक राज करते हुए उन्होंने जितनी लड़ाई लड़ी, सभी जीती।
अशोक पुंडीर ने कहा कि राणा सांगा ऐसी शख्सियत थे, जिनकी एक आंख और एक हाथ नहीं था। उसके बाद भी मेवाड़ से लेकर दिल्ली तक कई राज्य जीते। उस महान शासक के बारे में कल का पैदा हुआ ऐसा शख्स बातें बता रहा है जिसकी कोई औकात नहीं है। ज्ञापन देने वालों में ठाकुर सुरेंद्र पाल सिंह एडवोकेट, ठाकुर अनिलसिंह, ठाकुर सत्य कुमार, ठाकुर शिवम कुमार समेत सूरज राणा, अंकित राणा, विनय कुमार, सूरजपाल, सोमपाल, बादल राणा, मिठू राणा, अर्जुन, शिव राणा, पम्मी राणा, प्रिंस राणा और आजाद राणा सहित क्षत्रिय समाज के कई प्रमुख लोग शामिल थे।
(Udaipur Kiran) / MOHAN TYAGI
