नैनीताल, 02 सितंबर (Udaipur Kiran) । उत्तराखंड रोडवेज कर्मचारी मोर्चा नैनीताल के पुराने रोडवेज बस अड्डे की पुर्नस्थापना के लिये काफी समय से संघर्ष कर रहा है। इस संबंध में सोमवार को एक बार पुनः मोर्चा की ओर से प्रदेश के मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव एवं परिवहन निदेशक को इस संबंध में ज्ञापन भेजा गया है।
ज्ञापन में कहा गया है कि 1949 से नैनीताल के पुराने बस अड्डे को रोडवेज की धरोहर के रूप में देखा जाता है। इस धरोहर का पारंपरिक शैली में विकास एवं सौंदर्यीकरण कार्य करने हेतु परिवहन निगम मुख्यालय ने जिला विकास प्राधिकरण 25 जून 2022 को भवन का स्वामित्व परिवहन निगम के पास ही रहने, विकसित भवन का पूर्ण उपयोग परिवहन निगम की ओर से ही किये जाने इस विकास कार्य में परिवहन निगम का कोई भी खर्च न होने की शर्तों साथ अनापत्ति प्रदान की थी।
संगठन ने आरोप लगाया है कि बस अड्डे का सौंदर्यीकरण कार्य पूर्ण होने के बाद इन सभी अनापत्तियों को नजरअंदाज करते हुए परिवहन निगम की संपत्ति को खुर्द-बुर्द किया जा रहा है। वर्तमान में अस्थाई बस स्टेशन लेक ब्रिज पर स्थित है, जो दो मार्गों को जोड़ने वाला बाईपास है, जहां हमेशा दुर्घटना की संभावना बनी रहती है। साथ ही एनजीआरआई के भूवैज्ञानिकों ने इसे अत्यंत संवेदनशील बताया है। इसलिये नैनीताल के पुराने बस स्टेशन भवन का पूर्ण स्वामित्व परिवहन निगम को सौंपा जाए ताकि निगम जन सुविधा को ध्यान में रखते हुए अपने कार्यालय एवं संचालन कार्य को पूर्व की भांति सुचारू रूप से जारी रख सके।
इसके अलावा पुराने बस स्टेशन पर टैक्सी वाहनों और टैक्सी मोटरसाइकिलों की पार्किंग से हो रही भारी अव्यवस्थाओं और इन वाहनों से तेल निकल कर नैनी झील में जाने का भी दावा किया है।
इसके अलावा संगठन ने सरकार से रोडवेज को 1500 नई बसें उपलब्ध कराने की मांग भी की है, ताकि यातायात बाधित न हो और जनता को सस्ती और सुलभ परिवहन सुविधा प्राप्त हो सके। साथ ही उच्चतम न्यायालय के आदेशों का पालन करते हुए 10 वर्ष से अधिक सेवा पूर्ण कर चुके कर्मचारियों को संविदा विशेष श्रेणी में स्थाई करने और आउटसोर्सिंग के माध्यम से नियुक्त कर्मचारियों को भी स्थायी करने के साथ-साथ ही नई स्थायी भर्ती करने करने की मांगें करते हुए मांगें पूरी न होने परें जन आंदोलन करने की धमकी भी दी है।
(Udaipur Kiran) / डॉ. नवीन चन्द्र जोशी