जम्मू 22 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । रियासी जिले के तलवाड़ा स्थित विस्थापित कैंप में रहने वाले विस्थापितों के शिष्टमंडल ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की कार्यवाहक अध्यक्षा विजया भारती सियानी से भेंट कर अपनी समस्याओं से अवगत करवाया। इनके समाधान के लिए 12 सूत्रीय मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा। इस शिष्टमंडल में रियासी जिले के प्राणकोट, नरकोट, टक्कीकोट, कैंतीचोर, बलाड, थिल्लों, बहरनाली, कालावन आदि इलाकों के तलवाड़ा में रहने वाले विस्थापित शामिल थे। इस अवसर पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के डीजी इन्वेस्टिगेशन अजय भटनागर भी उपस्थित थे।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की अध्यक्षता के साथ भेंट में इन विस्थापितों के शिष्टमंडल ने स्पष्ट किया कि वह अपने पैतृक गांवों में वापसी के लिए तैयार हैं लेकिन उनकी वापसी सम्मानजनक और स्थायी सुरक्षा व्यवस्था एवं पुनर्वास की पुख्ता योजना के साथ हो। इसके लिए उन्होंने विस्थापित शिक्षित युवाओं के लिए रोजगार पैकेज की मांग पर भी जोर दिया।
शिष्टमंडल ने ज्ञापन में कहा है कि राहत आयुक्त और उनके कार्यालय द्वारा उन्हें राशन कार्ड के लिए ई.टिकट जारी नहीं की जा रही है जिससे वह विस्थापितों को मिलने वाली सुविधाओं का पूर्ण रुप से लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर सरकार उनका वास्तव में पुनर्वास चाहती है तो उनके पैतृक गांवों में प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत मकान भी बनाए जाए, गांव तक सड़क, पानी और बिजली आपूर्ति जैसी बुनियादी सुविधाएं भी होनी चाहिए। इसके अलावा उनके पैतृक गांवों में उनकी भूमि पर हुए अतिक्रमण को भी हटाने के साथ राजस्व रिकार्ड में भी जो छेड़छाड़ की गई है उसे दुरुस्त किया जाए। शिष्टमंडल स्पष्ट किया कि अगर उनकी उक्त मांगें पूरे होने के आधार पर पुनर्वास होता है तो वर्तमान में सरकार द्वारा मिलने वाली आर्थिक सहायता को भी अगले 10 वर्ष तक जारी रखा जाए।
इसके अतिरिक्त विस्थापितों के शिष्टमंडल ने परिवार बढ़ने की सूरत में राशन कार्डों को विभाजित करने, राशन कार्डों में परिवार के नये सदस्यों के नाम जोड़ने, प्रति माह मिलने वाले राशन को 7.5 किलो से बढ़ाकर 11 किलो प्रति राशन कार्ड करने, विस्थापितों को विस्थापित प्रमाण पत्र जारी करने और सभी विस्थापितों को राहत एवं अन्य सुविधाएं देने की मांगें भी राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की अध्यक्षा के समक्ष रखी। आयोग की अध्यक्षा विजया भारती सियानी ने शिष्टमंडल को आश्वस्त किया कि उनकी उचित मांगों पर विचार करने के साथ संबंधी विभागों और सरकार के पास समाधान के लिए भेजा जाएगा।
(Udaipur Kiran) / मोनिका रानी