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बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के उत्पीड़न के विराेध में ज्ञापन

बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के साथ हो रहे उत्पीड़न और अत्याचार के खिलाफ नारेबाजी की रिटायर्ड प्रशासनिक अधिकारियों ने

जैसलमेर, 13 दिसंबर (Udaipur Kiran) । बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के साथ हो रहे उत्पीड़न और अत्याचार के खिलाफ जैसलमेर में रिटायर्ड प्रशासनिक अधिकारियों ने शुक्रवार को राष्ट्रपति के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। पूर्व प्रशासनिक अधिकारी ब्रजमोहन रामदेव के नेतृत्व में काफी संख्या में रिटायर्ड अधिकारियों ने इकट्ठे होकर कलेक्टर ऑफिस में ज्ञापन दिया।

ज्ञापन में बताया कि बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के साथ जो हो रहा है, वह केवल धार्मिक अत्याचार नहीं, बल्कि मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन है। यह समय की मांग है कि भारत सरकार इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करें और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इसे उठाएं। अन्यथा इसके दूरगामी परिणाम भुगतने होंगे। इस दौरान काफी संख्या में रिटायर्ड अधिकारी मौजूद रहे।

इस मौके पर लक्ष्मीनारायण नागौरी ने कहा- बांग्लादेश में मानवाधिकारों को सार्वजनिक रूप से हनन किया जा रहा है। इस्कॉन के मुख्य पुजारी चिन्मयदासदास कृष्णदास प्रभुजी को तो गिरफ्तार कर लिया। इतना ही नहीं उनके वकील पर प्राणघातक हमला किया गया।

ज्ञापन में बताया गया कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों से पूरा देश व्यथित हैं। बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद वहां परंपरागत रूप से रह रहे अल्पसंख्यक मुख्य रूप से हिंदू एवं सनातनी समाज पर हिंसात्मक हमले किए जा रहे हैं। धार्मिक स्थल तोड़े जा रहे हैं। महिला वर्ग के साथ घृणित अत्याचार अनाचार किया जा रहे हैं, लेशमात्र विरोध करते ही निर्दोष को गिरफ्तार कर कारागृहों में डाला जा रहा है।

इस्कॉन के मुख्य पुजारी चिन्मयदासदास कृष्णदास प्रभुजी को तो गिरफ्तार कर लिया है इतना ही नहीं, उनके वकील पर प्राणघातक हमला किया है। वरिष्ठ नागरिक सर्व समाज की ओर से ज्ञापन देकर मांग की है कि भारत सहित विश्व समुदाय उपरोक्त अमानवीय घटनाक्रम का गंभीरता पूरक संज्ञान लेवें और परस्पर राजनीतिक संबंधों के आधार पर बांग्लादेश के वर्तमान सत्ताधीशों पर ऐसा नैतिक ही नहीं कूटनीतिक कठोरता से दबाव बनाया जाए।

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(Udaipur Kiran) / चन्द्रशेखर

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