HimachalPradesh

अकादमी की कार्यकारी परिषद की सदस्य ने उप मुख्यमंत्री का आभारस्वरूप किया सम्मान

मंडी, 25 नवंबर (Udaipur Kiran) । रंगमंच को जीवन को समर्पित करने वाली मंडी जिला की रंगकर्मी सीमा शर्मा को हाल ही में हिमाचल कला संस्कृति एवं भाषा अकादमी की कार्यकारी परिषद की सदस्यता प्रदान की गई है। उन्होंने उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्रिहोत्री जिनके पास भाषा एवं संस्कृति विभाग भी है को मंडी प्रवास के दौरान शाल -टोपी एवं पुष्प गुच्छ भेंट कर आभार स्यवरूप उनका सम्मान किया है।

सीमा शर्मा का कहना है कि जिस तरह से संगीत के सुर साधने में राग मधुर हो जाता है, उसी तरह जीवन रूपी संगीत में भी सुर लग जाए तो हम निश्चित रूप से अपने लक्ष्य की ओर बढ़ पाते हैं। उन्होंने अकादमी की सदस्यता के लिए राज्यपाल हिमाचल प्रदेश, मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्रिहोत्री एवं सचिव भाषा संस्कृति राकेश कंवर का आभार जताया है।

सीमा शर्मा का जन्म मंडी हिमाचल प्रदेश में हुआ। अपनी स्नातक की उपाधि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला से प्राप्त की। एम.ए. की उपाधि समाजशास्त्र में लखनऊ विश्वविद्यालय से तथा बी.एड. अन्नामलाई विश्वविद्यालय से करने के बावजूद अपना जीवन रंगकर्म को समर्पित कर दिया। सीमा शर्मा ने बताया कि स्कूली दिनों में संगीत में विशेष रूचि थी। आठवीं कक्षा में बेस्ट एक्ट्रेस के अवार्ड से सम्मानित होना एक प्रेरणा बनी अभिनय के क्षेत्र में आने के लिए। उन्होंने सोफो़क्लीज़ द्वारा लिखित नाटक ईडिपस, विजय तेंदुलकर द्वारा लिखित खामोश अदालत जारी है, श्रवण कुमार द्वारा जंगल तंत्रम, मन्नू भंडारी महाभोज, बसंत सब नीस द्वारा सैंया भए कोतवाल, धर्मवीर भारती द्वारा अंधा युग, टेनेसी विलियम कांच के खिलौने, शेक्सपियर द्वारा लिखित मैकबेथ, ब्रेख्त द्वारा थ्री पेनी ओपेरा, महाश्वेता देवी द्वारा लिखित 1084 वें की मां, ईबसन द्वारा लिखित गप्पू गपोड़ी, ब्रेखत द्वारा लिखित खडिय़ा का घेरा, भगत सिंह की वापसी शंकर शेष द्वारा एक और द्रोणाचार्य में अभिनय किया है।

उसी प्रकार त्रिशंकु मन्नू भंडारी, बायेन महाश्वेता देवी, सांझ सवेरे की मां महाश्वेता देवी, किसी चीज़ की तलाश कृष्ण बलदेव वैद, कनुप्रिया धर्मवीर भारती, गुंजन शर्मा बीमार है विवेकानंद, ए लडक़ी कृष्णा सोबती, खोई हुई दिशाएं कमलेश्वर, देर से आई बारात कमलेश्वर, आषाढ़ का एक दिन मल्लिका मोहन राकेश आधे अधूरे, इस्मत चुगताई चिड़ी की दुकी, लिहाफ, अजीत कौर द्वारा लिखित खानाबदोश कहानियों का एकल अभिनय किया है। इसके अलावा वर्ष 1987 88 से मंडी शहर में सुचारू रूप से बाल नाटक कार्यशाला का निर्देशन।

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(Udaipur Kiran) / मुरारी शर्मा

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