श्रीनगर, 21 दिसंबर (Udaipur Kiran) । पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती ने वस्त्रों पर प्रस्तावित 28 प्रतिशत जीएसटी वृद्धि की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने चेतावनी दी है कि इससे कश्मीर की समृद्ध कलात्मक विरासत जिसमें शॉल और हस्तशिल्प शामिल हैं नष्ट हो जाएगी।
उन्होंने नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से इस मुद्दे को संबोधित करने और क्षेत्र के पारंपरिक उद्योगों की रक्षा करने का आह्वान किया।
संवाददाताओं से बात करते हुए महबूबा ने कहा कि आज जब आप कश्मीर की राजधानी में जीएसटी में 28 प्रतिशत की वृद्धि करते हैं तो हमारी कला अपने आप समाप्त हो जाएगी। बागवानी की जमीन पर विकास कार्य करके और शॉल और हस्तशिल्प पर जीएसटी लगाकर इसे नष्ट करने का प्रयास किया जा रहा है। इन दोनों चीजों ने जम्मू-कश्मीर को मुश्किल समय में जिंदा रखा है।
महबूबा ने उमर अब्दुल्ला से इस मुद्दे को सुलझाने के लिए ठोस कदम उठाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि मैं उमर साहब से अनुरोध करती हूं कि आप इसे बचाने के लिए क्या कर रहे हैं? जीएसटी में 28 प्रतिशत की वृद्धि के मामले में आप क्या कर रहे हैं? मुझे उम्मीद है कि उमर साहब इस पर ध्यान देंगे और लोगों की समस्याओं का समाधान करेंगे।
पीडीपी प्रमुख की टिप्पणी प्रस्तावित जीएसटी वृद्धि के व्यापक विरोध के बीच आई है जिससे कई लोगों को डर है कि इससे कश्मीर के पारंपरिक कपड़ा और शिल्प उद्योग पर गंभीर असर पड़ेगा जिससे अनगिनत कारीगर और छोटे व्यवसाय जीवित रहने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
28 प्रतिशत कर वृद्धि का प्रस्ताव जो वर्तमान में राजस्थान के जैसलमेर में जीएसटी परिषद की 55वीं बैठक में चर्चा में है, हस्तशिल्प और वस्त्रों पर निर्भर क्षेत्रीय अर्थव्यवस्थाओं को नुकसान पहुंचाने के कारण आलोचना का सामना कर रही है।
(Udaipur Kiran) / बलवान सिंह