RAJASTHAN

वन नेशन-वन इलेक्शन को कुछ राजनीतिक दल संघवाद के खिलाफ मान रहे : मेघवाल

मणिपाल यूनिवर्सिटी जयपुर में नए लॉ बिल्डिंग का उद्घाटन

जयपुर, 15 मार्च (Udaipur Kiran) । केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने वन नेशन वन इलेक्शन पर कहा है कि कुछ राजनीतिक दल इसे संघवाद के खिलाफ मानते हैं। हम उनसे पूछना चाहते हैं कि 1952, 1957, 1962 और 1967 में जब लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ हुए थे, तब क्या संघीय ढांचे पर प्रहार नहीं था? उस समय चुनाव हुए, तब कोई समस्या नहीं थी। अब पीएम मोदी इसमें सुधार कर रहे हैं, इसे चुनाव सुधार क्यों नहीं माना जाना चाहिए?

मंत्री अर्जुन राम मेघवाल मणिपाल यूनिवर्सिटी जयपुर में नए लॉ बिल्डिंग के उद्घाटन के मौके पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि 1983 से यह सिलसिला टूट गया था, इसलिए एक साथ चुनाव जरूरी हैं। इस पर इलेक्शन कमीशन, हमारी कमेटियां, नीति आयोग के ग्रुप और फिर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में बनी हाई-लेवल कमेटी ने अपनी सहमति दी। इसके बाद कैबिनेट ने इसे मंजूरी दी। मैंने इस बिल को लोकसभा में पेश किया, जो अभी जेपीसी के पास है। इस पर प्रमुख प्रोफेशनल्स, व्यापारी वर्ग, सीए, डॉक्टर्स एसोसिएशन और नागरिक संगठनों से चर्चा हो रही है। हम समर्थन जुटाने के लिए जागरूकता फैला रहे हैं। क्योंकि यह देशहित में है।

कर्नाटक सरकार द्वारा मुस्लिमों को ठेके में चार प्रतिशत आरक्षण देने की बात पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि कुछ दल तुष्टिकरण की राजनीति करते हैं, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तुष्टिकरण के बजाय संतुष्टिकरण पर बल देते हैं।

मेघवाल ने कहा कि जुलाई 2024 को लागू हुए नए क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम में स्पिरिचुअल और मॉरल वैल्यू से जुड़े कई अहम पहलू शामिल हैं। इसे ध्यान में रखते हुए वैल्यू बेस्ड एजुकेशन भी एजुकेशन देने वाले इंस्टीट्यूशन का एक अहम हिस्सा होना चाहिए। इसी दिशा में मणिपाल यूनिवर्सिटी ने कदम बढ़ाया है, इसी सेशन में शामिल होने के लिए मैं जयपुर आया हूं।

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(Udaipur Kiran) / रोहित

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