– स्ट्रीट डॉग शेल्टर बनाने को कहा
शिलांग, 28 नवंबर (Udaipur Kiran) । मेघालय उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार और शिलांग नगर निगम बोर्ड को आवारा कुत्तों को संभालने का आदेश दिया है। कोर्ट ने आवारा कुत्तों के लिए तत्काल शेल्टर स्थापित करने का निर्देश दिया है।
यह आदेश मेघालय उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश आईपी मुखर्जी और न्यायमूर्ति डब्ल्यू डिएंगदोह की खंडपीठ ने दो प्रमुख मुद्दों से संबंधित एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई करते हुए जारी किया। आदेश में शिलांग चिड़ियाघर का स्थानांतरण करने और आवारा कुत्तों के खतरे को रोकने का उपाय करने को कहा गया।
आवारा कुत्तों की बढ़ती आबादी और उससे जुड़े जोखिमों पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने पाया कि कुत्तों के काटने और रेबीज से संबंधित मौतों की घटनाएं चिंताजनक रूप से बढ़ रही हैं। हालांकि, शिलांग नगर निगम के वकील ने कुत्तों को टीका लगाने और उनकी नसबंदी करने के लिए चल रहे प्रयासों का आंकड़ा प्रस्तुत किया।
ज्ञात हो कि आवारा कुत्तों के लिए समर्पित शेल्टरों की कमी है। वर्तमान में, आवारा कुत्तों को पकड़ा जाता है, उन्हें टीका लगाया जाता है, उनकी नसबंदी की जाती है और उन्हें वापस सड़कों पर ही छोड़ दिया जाता है।
वहीं, चिड़ियाघर के स्थानांतरण के मामले में राज्य सरकार के वकील ने न्यायालय को बताया कि शिलांग चिड़ियाघर को इसी वर्ष जून में शिलांग से लगभग 35 किलोमीटर दूर नव स्थापित मेघालय राज्य चिड़ियाघर में स्थानांतरित कर दिया गया था। इसमें एक पशु चिकित्सालय भी है, जिसमें एक योग्य पशु चिकित्सक की तैनाती है। गर्भवती हिरण और पक्षियों को छोड़कर लगभग सभी जानवरों को नए स्थान पर स्थानांतरित कर दिया गया है। पक्षियों को स्थानांतरित करने में देरी का कारण नए स्थान पर पिंजरे निर्माणाधीन होना बताया गया।
अदालत ने चिड़ियाघर को अधिक पशु-अनुकूल वातावरण में स्थानांतरित करने के सरकार के प्रयासों पर संतोष व्यक्त किया, लेकिन उचित बुनियादी ढांचे के साथ गली के कुत्तों की समस्या को हल करने की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया। मेघालय सरकार और शिलांग नगर निगम की ओर से इस दिशा में शीघ्र ही कारगर उपाय करने का न्यायालय को आश्वासन दिया गया।
(Udaipur Kiran) / श्रीप्रकाश