गुवाहाटी, 25 जुलाई (Udaipur Kiran) । स्थानीय अर्थव्यवस्था को और अधिक बढ़ावा प्रदान करने के लिए पूर्वोत्तर सीमा रेल (पूसीरे) द्वारा किए गए पहल के एक हिस्से के रूप में, व्यापारियों और अन्य व्यापारिक समुदायों के साथ समय-समय पर बैठक और संवाद-सत्र आयोजित किए जाते हैं। पूसीरे ने माल परिवहन की मात्रा बढ़ाने के लिए सभी पांच मंडलों और जोनल मुख्यालय स्तर पर बिजनेस डेवलपमेंट यूनिट्स (बीडीयू) की स्थापना की है। ये बिजनेस डेवलपमेंट यूनिट्स (बीडीयू) ट्रेन द्वारा आवाजाही के लिए नया परिवहन तलाशने के लिए अपने संबंधित क्षेत्रों में व्यापार और उद्योग जगत के लोगों के साथ निरंतर बातचीत करती हैं। सड़क मार्ग की तुलना में रेलवे परिवहन का एक तेज और सस्ता साधन है, इससे देश भर में बड़े बाजार उभरने से स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।
पूसीरे के सीपीआरओ सब्यसाची डे ने आज बताया है कि इस संदर्भ में, लमडिंग मंडल के वरिष्ठ अधिकारियों सहित मंडल रेलवे प्रबंधक ने 24 जुलाई को लमडिंग में व्यापारियों के साथ एक बैठक की। बैठक में 33 व्यापारियों ने हिस्सा लेते हुए ट्रक की कमी, श्रम की उपलब्धता, माल लदे रेलवे रेक के प्लेसमेंट, गुड्स यार्ड की स्थिति और माल वैगनों के क्लियरेंस में देरी के लिए व्हारफेज़ चार्ज एवं डेमारेज शुल्क लगाए जाने से संबंधित मामलों जैसे विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की।
बैठक में पूसीरे के अधिकारियों ने व्यापारियों को रेलवे के माध्यम से परिवहन का सस्ता साधन उपलब्ध कराकर स्थानीय अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए प्रदान किए जा रहे विभिन्न कार्यकलापों और सुविधाओं की जानकारी दी। रेलवे परिवहन का सबसे पर्यावरण अनुकूल साधन भी है। बैठक के दौरान माल परिवहन की हैंडलिंग, ऑटोमोबाइल परिवहन और अन्य वस्तुओं के परिवहन की संभावना और उसके लाभ पर विस्तार से चर्चा की गई। यहां यह भी उल्लेख करना उचित होगा कि बिजनेस डेवलपमेंट यूनिट (बीडीयू) की पहल के कारण हाल ही में पूसीरे के तिनसुकिया मंडल द्वारा पहली बार असम के धेमाजी से मध्य प्रदेश के अमलाई तक बांस के 20 वैगनों का परिवहन किया गया।
उल्लेखनीय है कि पूसीरे स्थानीय अर्थव्यवस्था के लाभ के लिए व्यापार करने में आसानी और अपने ग्राहकों एवं विभिन्न स्टेकधारकों विशेष रूप से व्यापारियों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।
(Udaipur Kiran) / असरार अंसारी / अरविन्द राय