बाड़मेर, 14 जुलाई (Udaipur Kiran) । पशुपालन एवं डेयरी तथा बाड़मेर
के प्रभारी मंत्री जोराराम कुमावत ने रविवार को कहा कि उन्होंने (किरोड़ी
लाल मीणा) खुद ने कहा था कि रघुकुल रीत सदा चली आई प्राण जाए पर वचन ना
जाई। उन्होंने जिससे वचन किया था, वे उसे निभा रहे है। पार्टी और सरकार का
कोई विषय नहीं है। किरोड़ीलाल ने जनता से जबान (वचन) की थी और वो अपनी
जबान निभा रहे है। बाकी विषय किरोड़ीलाल जी से पूछना। जनता से या किसी से
जबान की होगी। वे उसी को निभा रहे है।
प्रभारी मंत्री रविवार को एक दिवसीय दौरे पर बाड़मेर पहुंचे। जहां उन्होंने
मीडिया के सवालों के जवाब में यह बात कहीं। इस मौके पर उन्होंने और सचिव
सुबीर कुमार ने कलेक्ट्रेट सभागार में जिले के अधिकारियों के साथ मीटिंग
की। बजट घोषणा को लेकर चर्चा की और उन्हें जल्द धरातल पर उतारने के निर्देश
दिए। 50
फीसदी महिला आरक्षण के विरोध के सवाल पर प्रभारी मंत्री ने कहा कि हमारी
सरकार की मंशा है कि सबको मजबूती मिले, युवाओं को रोजगार मिले। इसके लिए
बजट में बहुत सारी घोषणाएं की है। महिलाओं को भी सशक्त किया जाए। सबको
प्रदर्शन का अधिकार है और समयबद्ध तरीके से लोगों की मांग को सरकार सुनती
भी है और उसका समाधान भी करती है।
उन्होंने
कहा कि लंपी बीमारी आना दुखद था, ऐसी बीमारी नहीं आनी चाहिए। सरकार को
जितना करना था उतना किया। लेकिन उस समय(अशोक गहलोत सरकार के समय) जो गोवंश
मरा था, उनका सही सर्वे नहीं हुआ। मुआवजे की घोषणा लंपी बीमारी के समय करनी
थी। उन्होंने गोवंश की मौत होने के 6 माह बाद मुआवजे की घोषणा की। जो
गोवंश चिन्हित होना चाहिए था, इसके कारण वो चिन्हित नहीं हो पाया। बाद में
रिकॉर्ड खत्म हो गया था, तब उनका चिह्नीकरण कैसे होगा। मुआवजा जिन लोगों को
मिलना चाहिए था, वह चिह्नित नहीं होने से नहीं मिल पाया। जो आवेदन आए है,
उनका काफी हद निस्तारण हो गया है और शेष रहे आवेदनों का भी नियमित तरीके से
निस्तारण हो जाएगा।
मंत्री
जोराराम कुमावत ने कहा कि राहत कैंप के अंदर केवल कार्ड बनाने का काम किया
गया। कांग्रेस सरकार ने पशु बीमा स्कीम में दुधारू पशु, गाय और भैंस का
बीमा किया। इस स्कीम में मैंने पूरा रिकॉर्ड देखा है कि उसमें केवल आठ-दस
पशुपालकों को मुआवजा मिला है। ज्यादा मुआवजा मिला नहीं, इसलिए पूरी
स्कीम फेल रही है। इस योजना को नए तरीके से शुरू किया है, जिसमें गाय,
भैंस, बकरी, भेड़ और ऊंट को भी शामिल किया है। 5-5 लाख बीमा गाय, भैंस,
बकरी, भेड़ का और 1 लाख का बीमा ऊंट का करेंगे। बीमा करने के बाद बीमित पशु
की अगर कई मृत्यु होगी तो निर्धारित क्लेम निश्चित तौर पर मिलेगा। हमारी
योजना किसी को लटकाने और भटकाने के लिए नहीं है। हमने जनता को राहत देने के
लिए स्कीम बनाई है।
(Udaipur Kiran) / रोहित