जयपुर, 29 जुलाई (Udaipur Kiran) । चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर की संवेदनशील पहल के बाद राजमेस के अधीन संचालित 17 मेडिकल कॉलेजों के चिकित्सक शिक्षक सोमवार शाम को वापस काम पर लौट आए। ये चिकित्सक शिक्षक विभिन्न मांगों को लेकर करीब एक सप्ताह से सामूहिक अवकाश पर चल रहे थे।
चिकित्सा मंत्री ने इन चिकित्सक शिक्षकों की मागों पर सकारात्मक एवं सहानुभूतिपूर्वक निर्णय लेने के लिए निदेशक राजमेस की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया है। कमेटी में राजमेस के अतिरिक्त निदेशक (प्रशासन), वित्तीय सलाहकार, अतिरिक्त निदेशक (अकादमिक) तथा राजस्थान मेडिकल कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन वेलफेयर सोसायटी के चार नामित सदस्य शामिल होंगे। चिकित्सक शिक्षकों ने मांगों पर सकारात्मक कार्यवाही के बाद काम पर वापस लौटने का निर्णय लिया और चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर, चिकित्सा शिक्षा विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह एवं चिकित्सा शिक्षा आयुक्त इकबाल खान का आभार व्यक्त किया है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बताया कि वित्त विभाग द्वारा राजमेस के अधीन संचालित मेडिकल कॉलेजों में एक अगस्त 2024 या इसके बाद नियुक्त चिकित्सक शिक्षकों को राजस्थान चिकित्सा शिक्षा नियम, 1962 के तहत नियुक्त चिकित्सक शिक्षकों के समान वेतन-भत्ते, डीएसीपी योजना अनुसार पदोन्नति एवं समय-समय पर निर्धारित वेतनमान दिया जाना प्रक्रियाधीन है। वर्तमान में कार्यरत चिकित्सक शिक्षकों पर भी यही नियम लागू करने के संबंध में उचित निर्णय लेने के लिए इस कमेटी का गठन किया गया है। यह कमेटी वर्तमान में कार्यरत चिकित्सक शिक्षकों की मांगों के निस्तारण के संबंध में अपनी रिपोर्ट प्रशासनिक विभाग के माध्यम से वित्त विभाग को एक माह में प्रस्तुत करेगी।
चिकित्सा शिक्षा आयुक्त ने बताया कि सामूहिक अवकाश के दौरान चिकित्सक शिक्षकों द्वारा लिए गए अवकाशों का आकस्मिक अवकाश, डे ऑफ या राजकीय अवकाशों में समायोजन किया जाएगा। इसके लिए संबंधित चिकित्सक शिक्षक को आवेदन करना होगा।
(Udaipur Kiran) / रोहित