जयपुर, 30 अगस्त (Udaipur Kiran) । प्रदेश में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को और सुदृढ़ बनाया जाएगा। इस दिशा में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग निरंतर प्रयास कर रहा है।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को इस संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्हाेंने कहा कि युवाओं खासकर विद्यार्थियों में बढ़ते मानसिक रोगों के दृष्टिगत टेलीमानस हैल्पलाइन का दायरा बढ़ाए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि कोटा एवं सीकर आदि जिलों में टेलीमानस जैसा ही काल सेंटर या मानसिक स्वास्थ्य परामर्श एवं सहायता केन्द्र संचालित किया जाना चाहिए। उन्होंने विभाग के स्तर पर आवश्यक प्रयास करने के साथ ही इसके लिए स्वयंसेवी संस्थाओं से सहयोग प्राप्त करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि इच्छुक स्वयंसेवी संस्थानाें से चर्चा कर इस संबंध में कार्य योजना तैयार की जाए।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कोचिंग संस्थानों के लिए जारी गाइडलाइन की पालना सुनिश्चित करवाए जाने के लिए फील्ड विजिट करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि टेली मानस टोल फ्री परामर्श सेवा की नियमित समीक्षा किया जाए। साथ ही, आगामी 10 सितम्बर 2024 को विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस के लिए कार्य योजना बनाई जाए। उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अन्तर्गत विभिन्न मानसिक स्वास्थ्य मुद्दों एवं टेलीमानस टोल फ्री हैल्पलाइन नम्बर का प्रभावी प्रचार-प्रसार करने के भी निर्देश दिए। सिंह ने मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर निर्धारित गाइडलाइन के अनुसार प्रत्येक जिला अस्पताल में 10 बैड का डेडिकेटेड वार्ड बनाए जाने के संबंध में निर्देश दिए। साथ ही, मेडिकल कॉलेजों से संबद्ध अस्पतालों में भी यह यथासंभव अलग से वार्ड बनाये जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिलों में मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम इकाई द्वारा लगाए जा रहे आउट रीच कैंप एवं टारगेट इंटरवेंशन कैंप में अधिक संख्या वाले ब्लॉक को चिन्हित किया जाए। आयुष्मान आरोग्य मंदिर में पदस्थापित प्रशिक्षित कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर (सीएचओ) द्वारा सम्पादित की जा रही मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं संबंधी गतिविधियों की भी रिपोर्टिंग निदेशालय भेजी जाए।
बैठक में निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश माथुर, एसएनओ डॉ. सांवरमल स्वामी, सहित संबंधित अधिकारीगण उपस्थित थे।
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(Udaipur Kiran) / रोहित