Chhattisgarh

150 साल पुराना ड्रेनेज सिस्टम सुधरेगा : महापौर

शहर में युध्दस्तर पर चल रही निकासी नालियों की सफाई।

धमतरी, 4 मई (Udaipur Kiran) । शहर में युध्दस्तर पर चल रही निकासी नालियों की सफाई। पुराना बस स्टैंड के पास निगम द्वारा निकासी नाली की सफाई की गई।

शहर का ड्रेनेज सिस्टम 150 साल पुराना है। दशकों बाद भी इसमें बदलाव नहीं हुआ है। आबादी बढ़ती गई, भवनों की संख्या में बढ़ोतरी हो गई। शहर के आसपास के खेतों में कॉलोनियां खड़ी हो गई। प्राकृतिक जल निकासी मार्ग बंद हो गया। नतीजन हल्की बारिश में भी शहर के प्रमुख स्थानों में घुटनों से लेकर कमर तक पानी भर जाता है। पान को उतरने में समय लगता है तब तक जनजीवन, यातायात अवरुद्ध हो जाता है।

महापौर रामू रोहरा ने रव‍िवार को बताया कि वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए निगम ने ड्रेनेज सिस्टम सुधारने का बीड़ा उठाया है, ताकि कम से कम स्थानों पर जलभराव हो। ड्रेनेज सिस्टम में सुधार के लिए निगम ने प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा था। राज्य शासन ने इसके लिए 5.75 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी है। इस राशि से शहर के प्रमुख चिन्हांकित ड्रेनेज सिस्टम को सुधारा जाएगा। निकासी के लिए अंडरग्राउंड, ओपन नालियां, कंवर्ट नालियां, रिटर्निग वाल, पंप हाउस बनाए जाएंगे। टेक्निकल सर्वे के आधार पर इंजीनियरों ने योजना बनाई है जिसके आधार पर नया ड्रेनेज सिस्टम बनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि वन विभाग, सब्जी मंडी, मुजगहन रोड, कलकता फोटो स्टूडियो, दुर्गा मंदिर श्यामतराई, मंडी गेट क्षेत्र में आरसीसी ड्रेन, डबल सेल, नाली, कन्वर्ट नाली, रिटर्निग वाल, पंपहाउस आदि बनाए जाएंगे। जल जमाव वाले क्षेत्र आमापारा, पुराना बस स्टैंड, विमल टाकिज रोड, भगवती मैरिज ग्राउंड, बनियापारा आदि जगहों की मरम्मत की जाएगी। नालों की सफाई के लिए 68 लाख रूपए की चेन माउंटेन मशीन खरीदी गई, जिसके माध्यम से तीव्र गति से बड़े नालों की समुचित सफाई होगी।

रोहरा ने बताया कि 150 साल पहले जब शहर की आबादी आठ से 10 हजार थी, तब ड्रेनेज सिस्टम बनाया गया है। अब आबादी बढ़कर 1.35 लाख हो गई। आबादी के हिसाब से नया ड्रेनेज बनेगा। आमापारा में 11 लाख की लागत से अंडरग्राउंड, ओपन नाली का काम जारी है। 20 लाख की लागत से एक अन्य नाला पर काम चल रहा है। शहर में जलभराव को रोकने 150 स्थानों पर रैनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाया जाएगा। फिलहाल 23 स्थानों पर सिस्टम बनेगा। शासन से इसके लिए 23 लाख की स्वीकृति मिली है। सिस्टम से पानी भूगर्भ में जाएगा। जलस्त्रोत बढ़ेगा।

(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा

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