जयपुर, 20 सितंबर (Udaipur Kiran) । रिश्वत लेकर पट्टे जारी करने के मामले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूराे की ओर से गत वर्ष 6 अगस्त को दर्ज एफआईआर को हेरिटेज मेयर मुनेश गुर्जर ने हाईकोर्ट में आपराधिक याचिका दायर कर चुनौती दी है। याचिका पर जस्टिस समीर जैन की एकलपीठ शनिवार को सुनवाई करेगी। याचिका में राज्य सरकार और मामले के शिकायतकर्ता सुधांशु सिंह को पक्षकार बनाकर गुहार की गई है कि एसीबी की इस एफआईआर को रद्द किया जाए।
याचिका में अधिवक्ता दीपक चौहान ने बताया कि इस मामले में एसीबी याचिकाकर्ता से कोई भी डिमांड साबित करने में विफल रही है। एसीबी ने यह नहीं बताया है कि याचिकाकर्ता ने शिकायतकर्ता से कैसे डिमांड की और एसीबी ने उसका सत्यापन कैसे किया। इसके अलावा याचिकाकर्ता से कोई भी रिकवरी नहीं हुई है। वहीं मामले में दर्ज एफआईआर में याचिकाकर्ता की भूमिका होने के संबंध में कोई भी सबूत नहीं है। ऐसे में एसीबी की एफआईआर भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत जरूरी शर्तों डिमांड व रिकवरी को ही सत्यापित नहीं करती है। इस संबंध में पूर्व में उसके खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं पाए थे, यदि साक्ष्य होते तो उसके खिलाफ उसी समय कार्रवाई हो जाती। याचिकाकर्ता को इस मामले में गलत तरीके से फंसाया गया है और एफआईआर दुर्भावना के चलते दर्ज करवाई है।
गौरतलब है कि एसीबी ने मुनेश गुर्जर के पति सुशील गुर्जर को नगर निगम से पट्टे जारी करने की एवज में रिश्वत मांगने से जुड़े मामले में गिरफ्तार किया था। इसके बाद राज्य सरकार ने मुनेश को निलंबित कर दिया था। इस निलंबन पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी। वहीं बाद में सरकार ने निलंबन आदेश वापस ले लिया था। राज्य सरकार ने जांच के बाद मुनेश को पुन: निलंबित किया था, लेकिन हाईकोर्ट ने दिसंबर, 2023 में निलंबन को रद्द कर दिया था। वहीं गत दिनों एसीबी ने अभियोजन स्वीकृति मिलने के बाद मुनेश और उसके पति सुशील सहित दो अन्य के खिलाफ एसीबी कोर्ट में आरोप पत्र पेश किया है।
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(Udaipur Kiran)