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मौलाना मदनी ने अजमेर शरीफ दरगाह को मंदिर बताए जाने को भारत के दिल पर हमला करने जैसा बताया

जमीअत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी

नई दिल्ली, 02 दिसंबर (Udaipur Kiran) । ख्वाजा ख्वाजगान सुलतान-उल-हिंद हजरत मोइनुद्दीन चिश्ती अजमेरी की दरगाह को शिव मंदिर बताए जाने को जमीअत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी ने भारत के दिल पर हमला करने जैसा बताया है। उन्होंने उत्तरकाशी (उत्तराखंड) की जामा मस्जिद के खिलाफ अभियान और स्थानीय प्रशासन से पंचायत की अनुमति दिए जाने की कड़ी निंदा की है।

उन्होंने कहा है कि ऐसे लोगों को हर जगह सरकारों का संरक्षण प्राप्त है, जिसके परिणाम देश में अराजकता और घृणा के रूप में सामने आ रहे हैं। उन्होंने केंद्र सरकार और राज्य सरकारों से मांग की है कि वह ऐसे तत्वों को संरक्षण देने से दूर रहें, अन्यथा इतिहास उनके आचरण को माफ नहीं करेगा।

मौलाना मदनी ने कहा कि अजमेर शरीफ की दरगाह के संबंध में किया जाने वाला दावा हास्यास्पद है। ऐसे दावे को अदालत से तुरंत खारिज कर दिया जाना चाहिए था। मौलाना मदनी ने ख्वाजा साहब के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हजरत ख्वाजा साहब संसारिक सुख से आजाद एक फकीर थे, जिन्होंने किसी भू-भाग पर शासन नहीं किया, बल्कि उन्होंने दिलों पर राज किया। इसी वजह से वह ‘सुल्तान-उल-हिंद’ कहलाए। गरीबों के प्रति उनके सेवाभाव के कारण लोगों ने उन्हें ग़रीब नवाज़ का उपनाम भी दिया।

उन्होंने कहा कि ख्वाजा ग़रीब नवाज़ के जीवन का सबसे महत्वपूर्ण पहलू अमन-शांति, सहिष्णुता और प्राणियों के प्रति प्रेम है। इंसानी भाईचारा, बराबरी और गरीबों की सेवा की परंपरा उन्होंने स्थापित की, जो सभी भारतीयों की समान विरासत है, चाहे वे किसी भी धर्म और समुदाय के हों।

उनके यहां मानवीय सेवा में मुसलमानों और गैर-मुसलमानों के बीच कोई भेदभाव नहीं था। उनके दरवाजे जिस तरह से मुसलमानों के लिए खुले थे, उसी तरह अन्य धर्मों के लोगों के लिए भी खुले हुए थे और बिना किसी भेदभाव के अपने प्रेम से दिलों में गर्मी और दिमागों में ताजगी भरते रहे।

मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि भारत के महान विचारक सी. राजगोपाल आचार्य (भारत के प्रथम गवर्नर जनरल) ने दरगाह के दर्शन के अवसर पर कहा था कि उन्होंने महान चरित्र, प्रेम भाव और करुणा की भाषा में इस तरह लोगों से बात की कि लोगों के दिल बदल दिए। महात्मा गांधी ने 1922 में अपनी अजमेर शरीफ यात्रा के दौरान कहा था कि ख्वाजा साहब का जीवन मानव-प्रेम का एक उज्ज्वल जीवन था, सच्चाई फैलाने का उनका अपना मिशन था, लेकिन उनका पूरा जीवन अहिंसा का उपदेश देता है।

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(Udaipur Kiran) / मोहम्मद शहजाद

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