मऊगंज, 19 नवंबर (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश के मऊगंज जिले में मंदिर से लगी जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने को लेकर बवाल हो गया। भाजपा विधायक प्रदीप पटेल मंगलवार शाम को अतिक्रमण हटाने के लिए जेसीबी लेकर पहुंच गए। इसके बाद भाजपा कार्यकर्ताओं और दूसरे पक्ष की ओर से एक-दूसरे पर पथराव किया गया। इसमें तीन लोग घायल हो गए। इसके बाद भाजपा कार्यकर्ता धरने पर बैठ गए। जानकारी मिलने पर कलेक्टर अजय श्रीवास्तव और एसपी रसना ठाकुर भी मौके पर पहुंच गए। प्रशासन का कहना था कि अतिक्रमण नियमानुसार हटाया जाएगा, लेकिन विधायक अभी हटाने पर अड़े रहे। इसके बाद विधायक को जबरन वज्र वाहन से रीवा ले जाया गया। उन्हें एक सामुदायिक भवन में ठहराया गया है। तनाव को देखते हुए क्षेत्र में धारा 163 (पहले ये धारा-144 होती थी) लगा दी गई है।
मामला खटखरी चौकी क्षेत्र में स्थित देवरा महादेवन मंदिर के पास स्थित 9 एकड़ 27 डिसमिल जमीन को लेकर है। यहां मुस्लिम समुदाय और दलित परिवारों के करीब 70 से 75 घर हैं। मुस्लिम समुदाय के लोगों का का दावा है कि यहां उनके पुश्तैनी मकान हैं। उनकी ओर से जबलपुर हाईकोर्ट में पिटीशन भी दायर की गई है।
इधर, हिंदू नेता संतोष तिवारी मंदिर के पास कब्जा हटाने की मांग को लेकर रविवार सुबह करीब 11 बजे से अनशन पर बैठे थे। उनका कहना था कि 9 एकड़ जमीन में से 90 फीसदी जमीन पर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने कब्जा किया हुआ है। इसे अतिक्रमण मुक्त कराया जाना चाहिए। दो दिन तक जब प्रशासन ने कब्जा नहीं हटाया, तो मंगलवार शाम करीब 4 बजे भाजपा कार्यकर्ता जेसीबी लेकर पहुंच गए। थोड़ी देर बाद विधायक प्रदीप पटेल भी वहां पहुंच गए। विधायक ने कहा कि प्रशासन की बात पर अब भरोसा नहीं है। खुद अतिक्रमण हटाएंगे।
विधायक प्रदीप पटेल ने बताया कि कब्जा हटाने के लिए चार महीने पहले प्रदर्शन किया था। कलेक्टर ने आश्वासन दिया था। इससे पहले भी कई बार ज्ञापन दिया, लेकिन कुछ नहीं हुआ। अब सब्र का बांध टूट गया है। अतिक्रमण हटाने की जानकारी मिलते मुस्लिम समुदाय के लोग भी मौके पर जमा हो गए। विवाद बढ़ा तो दोनों ओर से पत्थर फेंके गए। नारेबाजी होने लगी। इसमें कुछ लोग घायल हुए हैं। सूचना पर कलेक्टर-एसपी समेत बड़ी संख्या में पुलिस बल पहुंच गया। फोर्स ने भीड़ को खदेड़ दिया। विधायक प्रदीप पटेल अपने सामने ही अतिक्रमण हटाने की बात पर अड़े रहे। वहीं, एसपी और कलेक्टर उन्हें समझाते रहे, लेकिन वे मानने को तैयार नहीं थे। इसके बाद उन्हें वज्र वाहन में बैठाकर जबरन मऊगंज भेजा गया।
(Udaipur Kiran) तोमर