-महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता नियमित भर्ती 2023 का मामला
जोधपुर, 21 सितम्बर (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाइकोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश विनीत कुमार माथुर ने महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता नियमित भर्ती 2023 के मामले में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए अन्य राज्य की विवाहित महिला को भी राजस्थान में ईडब्ल्यूएस आरक्षण की हकदार माना है।
हाईकोर्ट में डीडवाना (नागौर) निवासी याचिकाकर्ता पुनीता रानी की ओर से अधिवक्ता यशपाल खि़लेरी ने रिट याचिका दायर कर बताया कि चिकित्सा विभाग द्वारा महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता के 3384 नियमित पदों के लिए 19 मई 2023 को विज्ञप्ति जारी की गई, जिसमे आर्थिक कमजोर वर्ग व ईडब्ल्यूएस वर्ग के लिए 10 प्रतिशत पदों का आरक्षण किया गया। याची ने ईडब्ल्यूएस वर्ग में अपना आवेदन किया। चयन प्रक्रिया पूर्ण करने के बाद जारी अंतरिम चयन सूची में याची को चयनित किया गया लेकिन अंतिम चयन सूची से उसका नाम यह कहते हुए हटा दिया गया कि वह जन्मजात हरियाणा की होने और शादी राजस्थान में हो जाने से वह ईडब्ल्यूएस वर्ग आरक्षण की हकदार नहीं है। इसे लेकर रिट याचिका में चुनोती दी गई।
याचिका में बताया गया कि याचिकाकर्ता का जन्म फतेहाबाद, हरियाणा राज्य में हुआ था और उसकी शादी डीडवाना निवासी राम शर्मा के साथ वर्ष 2014 में हुई और तब से ही वह राजस्थान में निवासरत है। राज्य के सक्षम अधिकारी द्वारा याची की समस्त जांच पड़ताल कर आवश्यक प्रक्रिया पूरी करने के बाद नियमानुसार मूल निवास प्रमाण पत्र और आर्थिक कमजोर वर्ग/ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र जारी किया गया। राज्य सरकार के कार्मिक विभाग औऱ सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग द्वारा भी समय-समय पर परिपत्र और अधिसूचनाएं जारी करते हुए राज्य से बाहर की महिलाओं को विवाह पश्चात राजस्थान में आर्थिक कमजोर वर्ग/ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र जारी कर आरक्षण का फायदा देने के निर्देश जारी कर रखे हैं। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता खि़लेरी ने बताया कि आर्थिक कमजोर वर्ग आरक्षण जाति आधारित आरक्षण नहीं होता है बल्कि यह देश के सामान्य जाति के गरीब व आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के उत्थान के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है। यह आर्थिक कमजोर वर्ग/ईडब्ल्यूएस आरक्षण केवल राजस्थान राज्य के मूल निवासी उन लोगों को देय है जिनकी परिवार की सकल वार्षिक आय 8 लाख रुपये से कम है तथा जिनकी जाति एससी, एसटी, ओबीसी व एमबीसी जाति में नहीं आती हैं। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 16(2) के मुताबिक किसी भी नागरिक को जन्म स्थान या निवास के आधार पर राज्य के अधीन किसी भी पद या रोजग़ार के लिए अपात्र नहीं ठहराया जा सकता और उससे भेदभाव नहीं किया जा सकता। इस कारण राज्य सरकार द्वारा राज्य के विवाहित महिला को सरकारी नौकरी में ईडब्ल्यूएस वर्ग आरक्षण से वंचित करना गैरकानूनी और असवैधानिक है। याची के प्राप्तांक ईडब्ल्यूएस वर्ग के अंतिम कटऑफ से भी ज्यादा है। प्रकरण के तथ्यों और मामले की परिस्थितियों को देखते हुए हाइकोर्ट ने याचिकाकर्ता को राहत देते हुए समान निर्णीत प्रकरण अमन कुमारी के समान ही समस्त पारिणामिक परिलाभों सहित महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता पद पर चार सप्ताह में नियुक्ति देने के आदेश दिए।
(Udaipur Kiran) / सतीश