
– पुलवामा हमले के लिए प्रशिक्षण केंद्र था, जिसमें 40 सीआरपीएफ जवान शहीद हुए थे
नई दिल्ली, 07 मई (Udaipur Kiran) । पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए 26 सैलानियों में विधवा हुई महिलाओं की मांग से उजड़े सिंदूर का बदला लेने के लिए मंगलवार आधी रात को महज 25 मिनट के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में नौ आतंकी ठिकाने तबाह कर दिए। भारत ने बिना सीमा पार किए हैमर, स्कल्प और मिसाइलों से पाकिस्तान और पीओके में जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिद्दीन के ठिकाने बर्बाद कर दिए। इसमें सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण बहावलपुर में स्थित जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय मरकज सुभान अल्लाह रहा।
मरकज सुभान अल्लाह जैश-ए-मोहम्मद का सबसे महत्वपूर्ण आतंकी केंद्र था, जो बहावलपुर में 15 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है। यह केंद्र पुलवामा हमले जैसे आतंकी हमलों की योजना और प्रशिक्षण का गढ़ रहा है। मरकज सुभान अल्लाह पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में बहावलपुर के बाहरी इलाके में एनएच-5 कराची-तोर्क हम राजमार्ग पर कराची मोड़ के पास स्थित है। यह जैश-ए-मोहम्मद का मुख्य प्रशिक्षण और प्रचार केंद्र है। जैश-ए-मोहम्मद का यह परिचालन मुख्यालय 14 फरवरी, 2019 के पुलवामा हमले सहित कई आतंकी योजनाओं से जुड़ा हुआ है। 2015 में अफ्रीकी देशों (यूके सहित) से जुटाए गए धन से इसका निर्माण किया गया था।
इस केंद्र का इस्तेमाल जैश-ए-मोहम्मद के लिए युवाओं को प्रशिक्षण देने, विचारधारा का प्रचार-प्रसार करने और आतंकी गतिविधियों की योजना बनाने के लिए किया जाता था। इस केंद्र में 600 से अधिक कैडर (आतंकी) रहकर प्रशिक्षण ले रहे थे। सैटेलाइट इमेजरी से पुष्टि हुई है कि मरकज सुभान अल्लाह के प्रशिक्षण शिविर, जिम्नेजियम, स्विमिंग पूल और हथियार डिपो पूरी तरह नष्ट हो गए। भारत के इस हमले ने जैश और आईएसआई को गहरा झटका दिया है, क्योंकि भारत ने 100 किलोमीटर अंदर तक सटीक हमला किया है।
जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख नेता मौलाना मसूद अजहर ने इस केंद्र को आवास बना रखा था। फिलहाल जैश प्रमुख मसूद अजहर को इस्लामाबाद (रावलपिंडी) में पाकिस्तानी अधिकारियों ने सुरक्षात्मक हिरासत में ले रखा है। यहीं पर जैश के वास्तविक प्रमुख मुफ्ती अब्दुल रऊफ असगर और जैश के सशस्त्र विंग का प्रमुख यूसुफ अजहर (उस्ताद घोरी) ने अड्डा बना रखा था। वह रिश्ते में मसूद अजहर का साला भी है। यहीं से आतंकियों को राइफल, रॉकेट लॉन्चर और विस्फोटकों का प्रशिक्षण दिया जाता था। शारीरिक प्रशिक्षण के लिए मार्च, 2018 से जिम्नेजियम, जुलाई, 2018 से स्विमिंग पूल और गहरे पानी में गोताखोरी पाठ्यक्रम चलाया जाता था।
सटीक सैन्य अभियान ऑपरेशन सिंदूर 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में था, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। मरकज सुभान अल्लाह इस ऑपरेशन का प्रमुख लक्ष्य था। यहां पर कट्टरपंथी विचारधारा का धार्मिक प्रशिक्षण देने के लिए मौलाना रफीक उल्लाह 2022 से मुख्य प्रशिक्षक तैनात हैं। मरकज सुभान अल्लाह 2019 के पुलवामा हमले के लिए प्रशिक्षण केंद्र था, जिसमें 40 सीआरपीएफ जवान शहीद हुए थे। इसी के बाद भारत ने बालाकोट में एयर स्ट्राइक की थी। मरकज सुभान अल्लाह को ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय वायु सेना ने स्कैल्प और हैमर मिसाइलों का उपयोग करके तबाह कर दिया।
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(Udaipur Kiran) / सुनीत निगम
