
महाराष्ट्र सरकार में सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री आशीष शेलार ने निजी रेडियो स्टेशनों से आग्रह किया कि वे क्लासिक मराठी भक्ति और भावनात्मक गीतों का नियमित प्रसारण करें। मंत्रालय में निजी रेडियो चैनलों के प्रतिनिधियों से बातचीत के दौरान शेलार ने कहा, ग्रामोफोन और कैसेट युग के मराठी भक्ति और भावनात्मक गीत आज भी मराठी श्रोताओं के दिलों में बसते हैं। इन गीतों की सांस्कृतिक विरासत को जीवित रखने के लिए इन्हें रेडियो पर नियमित रूप से प्रसारित किया जाना चाहिए। उनका यह सुझाव मराठी संगीत और सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने की दिशा में एक सराहनीय पहल के रूप में देखा जा रहा है।
आशीष शेलार ने आगे कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य रेडियो माध्यम से मराठी भाषा के उपयोग को सशक्त बनाना है और साथ ही राज्य व निजी रेडियो सेक्टर के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करना है। भाजपा नेता ने भावनात्मक लहजे में कहा, हमारी पीढ़ी ऑल इंडिया रेडियो पर ऐसे गाने सुनते हुए बड़ी हुई है। इन गीतों का हमारे मन पर गहरा असर होता था। महाराष्ट्र के लोगों का भक्ति और भावनात्मक गीतों से हमेशा एक खास जुड़ाव रहा है। उनका मानना है कि ऐसे गीतों का रेडियो पर नियमित प्रसारण न केवल सांस्कृतिक विरासत को जीवित रखेगा, बल्कि नई पीढ़ी को भी मराठी भावनाओं और भक्ति परंपरा से जोड़ने का एक प्रभावी माध्यम बनेगा।
आशीष शेलार ने राज्य भर में आयोजित होने वाले भक्ति समारोहों का उदाहरण देते हुए कहा, आज भी, चाहे शहर हो या गांव, प्रह्लाद शिंदे के अमर गीतों के बिना सत्यनारायण पूजा अधूरी लगती है। ये गीत अब सिर्फ संगीत नहीं, बल्कि हमारी परंपरा का अहम हिस्सा बन चुके हैं। उन्होंने ज़ोर देते हुए कहा कि ऐसे भक्ति और भावनात्मक गीतों को रेडियो के ज़रिए नियमित रूप से लोगों तक पहुंचाया जाना चाहिए, ताकि सांस्कृतिक विरासत को अगली पीढ़ी तक पहुंचाया जा सके।——————
(Udaipur Kiran) / लोकेश चंद्र दुबे
