Madhya Pradesh

सूखे कुएं में उतरने से हो सकती है कई तरह की दुर्घटनाएं, मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जारी की एडवाइजरी

सूखा कुआं (फाइल फोटो)

भोपाल, 27 अप्रैल (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने रविवार को सूखे कुएं में उतरने से हो रही कई तरह की दुर्घटनाएं के संबंध में एडवाइजरी जारी की है। बोर्ड ने कहा है कि जहरीली गैसों के संपर्क में आना: हाइड्रोजन सल्फाइड, कार्बन मोनोऑक्साइड, मीथेन, कार्बन डाइऑक्साइड जैसी खतरनाक गैसों की उपस्थिति बेहोशी, घुटन और मृत्यु का कारण बन सकती है। ऑक्सीजन की कमी: सीमित स्थान में ऑक्सीजन का स्तर कम होने से सांस लेने में तकलीफ और बेहोशी हो सकती है।

पानी का अचानक भर जाना

एडवाइजरी में कहा गया है कि बचाव की स्थिति (बचाव के लिए उठाए जाने वाले कदम): कुएँ में उतरने के पहले लालटेन रस्सी से नीचे डालें यदी लालटेन बुझजाती है तो वहाँ पर ऑक्सीजन की कमी है और वहां ज़हरीली गैसहैं, अतः कुएँ के अंदर ना उतरे यदि कोई व्यक्ति सूखे कुएं में दुर्घटना का शिकार हो जाता है, तो बचाव की स्थिति में कदम उठाए जाने चाहिए।

तत्काल कार्रवाई और सुरक्षा

अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करें: बिना उचित प्रशिक्षण और सुरक्षा उपकरणों के कुएं में उतरने का प्रयास न करें। इससे आप भी खतरे में पड़ सकते हैं। तत्काल मदद के लिए कॉल करें: तुरंत आपातकालीन सेवाओं (जैसे पुलिस, अग्निशमन दल, बचाव दल) को सूचित करें। उन्हें दुर्घटना का स्थान और स्थिति की जानकारी दें। क्षेत्र को सुरक्षित करें: कुएं के आसपास के क्षेत्र को खाली कराएं ताकि अन्य लोग खतरे में न पड़ें।

मूल्यांकन और योजना

स्थिति का आकलन करें: यदि संभव हो, तो दूर से या सुरक्षित दूरी से दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति की स्थिति का आकलन करें (चेतना, सांस लेना, चोटें)। बचाव योजना बनाएं: आपातकालीन सेवाओं के पहुंचने पर, उनके साथ मिलकर एक सुरक्षित और प्रभावी बचाव योजना तैयार करें।

बचाव कार्य

प्रशिक्षित बचाव दल: बचाव कार्य केवल प्रशिक्षित और उचित उपकरणों से लैस बचाव दल द्वारा ही किया जाना चाहिए। सुरक्षा उपकरण: बचाव दल को उचित व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई), श्वास सुरक्षा उपकरण, हार्नेस, रस्सियां और अन्य आवश्यक उपकरणों का उपयोग करना चाहिए। वायुमंडलीय निगरानी: यदि संभव हो, तो कुएं के अंदर के वायुमंडल की निगरानी करें ताकि खतरनाक गैसों या ऑक्सीजन की कमी का पता चल सके। सुरक्षित निष्कर्षण: दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को सुरक्षित रूप से कुएं से बाहर निकालने के लिए उचित तकनीकों का उपयोग करें। इसमें रस्सियों, स्ट्रेचर या अन्य बचाव उपकरणों का उपयोग शामिल हो सकता है।

प्राथमिक चिकित्सा और चिकित्सा सहायता

तत्काल प्राथमिक चिकित्सा: कुएं से निकालने के बाद दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को तुरंत प्राथमिक चिकित्सा प्रदान करें। चिकित्सा सहायता: यदि आवश्यक हो, तो उन्हें तत्काल चिकित्सा सहायता के लिए अस्पताल ले जाएं।

बचाव के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें

धैर्य बनाए रखें: बचाव कार्य में समय लग सकता है। धैर्य बनाए रखें और बचाव दल पर भरोसा रखें। बचाव दल के निर्देशों का पालन करें: बचाव दल के सदस्यों के निर्देशों का सख्ती से पालन करें। अनावश्यक जोखिम न लें: अपनी जान जोखिम में डालकर बचाव करने का प्रयास न करें।

संक्षेप में, सूखे कुएं में दुर्घटना होने पर सबसे महत्वपूर्ण कदम तत्काल आपातकालीन सेवाओं को बुलाना और प्रशिक्षित बचाव दल की प्रतीक्षा करना है। अपनी सुरक्षा को प्राथमिकता देना और बचाव दल के निर्देशों का पालन करना महत्वपूर्ण है ताकि दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को सुरक्षित रूप से बचाया जा सके।

(Udaipur Kiran) तोमर

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