
नदिया, 23 मई (Udaipur Kiran) । जिले के हरीनघाटा में तृणमूल कांग्रेस के पार्षद राकेश पारुई की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत से क्षेत्र में सनसनी फैल गई है। गुरुवार शाम को तृणमूल के पार्टी कार्यालय से उनका शव फंदे से लटका हुआ मिला, जिसके बाद उनकी आत्महत्या को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं।
राकेश पारुई (35) हरीनघाटा नगरपालिका के वार्ड नंबर दो से पार्षद थे।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, पार्षद बनने के बाद उन्होंने परिवहन व्यवसाय में कदम रखा था। बताया जा रहा है कि उन्होंने उत्तर 24 परगना सहित आसपास के कई लोगों से गाड़ियां लेकर भाड़े पर चलाना शुरू किया था, लेकिन यह व्यवसाय लाभदायक नहीं रहा और धीरे-धीरे उन पर करोड़ों रुपये का कर्ज चढ़ गया।
सूत्रों के मुताबिक, कई लोग अब भी राकेश से पैसे पाने के लिए इंतजार कर रहे थे। आशंका जताई जा रही है कि लगातार बढ़ते कर्ज और लेनदारों के दबाव में आकर उन्होंने यह कदम उठाया हो। हालांकि, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने तक पुलिस किसी निष्कर्ष पर पहुंचने से बच रही है।
तृणमूल के अन्य नेता भी इस घटना से स्तब्ध हैं। हरीनघाटा नगरपालिका के वार्ड नंबर 17 के पार्षद राजीव दलाल ने शुक्रवार को कहा कि राकेश ने ऐसा कदम क्यों उठाया, यह अभी भी हमारी समझ से बाहर है। वहीं, तृणमूल के रानाघाट संगठनीक जिलाध्यक्ष देबाशीष गांगुली ने इस घटना को बेहद दुखद और चौंकाने वाला बताते हुए कहा कि आत्महत्या के पीछे का कारण अब तक स्पष्ट नहीं है।
पार्टी कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, राकेश का घर पार्टी कार्यालय के पास ही है। गुरुवार शाम को पार्टी कार्यकर्ता जब कार्यालय पहुंचे, तब उन्होंने राकेश को फंदे से लटका हुआ देखा। तत्काल स्थानीय हरीनघाटा थाना को सूचित किया गया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
पुलिस ने शुक्रवार को शव को परिजनों को सौंप दी है। हालांकि, अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि राकेश की मौत के पीछे कर्ज का दबाव था या पारिवारिक तनाव, क्योंकि कुछ लोग उनके पारिवारिक जीवन में भी समस्याओं की चर्चा कर रहे हैं। पुलिस फिलहाल सभी पहलुओं से मामले की जांच कर रही है।
(Udaipur Kiran) / अनिता राय
