Uttar Pradesh

अंतिम अरदास में पहुंचकर कई मंत्रियों ने अनुसुइया गिरोत्रा को अर्पित की श्रद्धांजलि

अंतिम अरदास में बोलते प्रान्त प्रचारक कौशल

माँ के संस्कारों का ही सुफल है कि प्रशान्त भाटिया का पूरा परिवार समाज की सेवा में रत है

लखनऊ,16 अप्रैल (Udaipur Kiran) । लखनऊ की पूर्व महापौर संयुक्ता भाटिया की माता स्वर्गीय अनुसुइया गिरोत्रा की अंतिम अरदास आलमबाग गुरुद्वारा स्थित केंद्रीय सिंह सभा में बुधवार को संपन्न हुई। प्रदेश सरकार के कई मंत्रियों, सांसदों, महापौर, विधायकों और भाजपा व विविधि संगठन के वरिष्ठ नेताओं ने अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किया।

इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रान्त प्रचारक कौशल ने कहा कि विभाजन के काल में वह भारत आयीं। उनका जीवन संघर्षमय रहा। उनके कार्य व्यवहार व समाज के प्रति समर्पण के कारण लोग उनसे जुड़े। एक अच्छा संयुक्त परिवार उनकी परवरिश को दिखाता है। प्रान्त प्रचारक ने कहा कि माँ के संस्कारों का ही सुफल है कि आज यह परिवार समाज में यशस्वी है। एक मां के द्वारा दिए हुए संस्कार के कारण ही पूरा परिवार समाज की सेवा में रत है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ इन्हीं मूल्यों को पोषित करने के लिए कुटुंब प्रबोधन पर कार्य कर रहा है।

गुरू की महिमा का बखान करते हुए प्रान्त प्रचारक ने कहा कि गुरू बिन भव निधि तरय न तारे। गुरू के बिना कल्याण संभव नहीं है। गुरु ब्रह्मा गुरु विष्णु, गुरु देवो महेश्वरा गुरु साक्षात परब्रह्म, तस्मै श्री गुरुवे नमः हम लोग श्लोक पढ़ते हैं। कबीर दास ने भी गुरू की महिमा के बारे में कहा है, सब धरती कागज करूं, लेखनी सब बनराय। सात समुद्र की मसि करूं, गुरु गुण लिखा न जाय।

पूर्व महापौर संयुक्ता भाटिया ने बताया कि जब मात्र 9 माह की थी तब भारत विभाजन के समय उपजी मजहबी हिंसा के कारण उनके नाना और माता अनसुईया गिरोत्रा तब भारत (पंजाब) (अब पाकिस्तान) के लायलपुर जिला के झंग शहर से रात्रि में अपने धन-दौलत, जमीन-जायदाद सब कुछ छोड़ कर विस्थापित हो गई थी और पाकिस्तान से भारत का सफर पैदल तय किया था। इस दौरान रास्ते में लूटपाट के लिए मजहबी आक्रांताओं से बचने के लिए बैलगाड़ी पर रजाई के अंदर छुप कर मेरी मां अनसुईया गिरोत्रा ने अपनी और मेरी जान बचाई थी, उस समय मैं मात्र 9 माह की थी।

लगभग 2.5 साल विस्थापितों के कैम्प में गुजारने के बाद हम किसी तरह अपने परिवार से मिलने में सफल हो पाए थे। पूर्व महापौर ने आगे बताया कि सब कुछ लूट जाने के उपरांत परिवार ने शून्य से जीवन यापन प्रारंभ कर संस्कार युक्त परिवार का पालन किया।

अंतिम अरदास में विधान परिषद के सभा​पति कुंवर मानवेंद्र सिंह, पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह, परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह, राज्यसभा सांसद डॉ दिनेश शर्मा,खाद्य एवं रशद मंत्री सतीश शर्मा, मो० दानिश आजाद अंसारी, महापौर सुषमा खर्कवाल,विहिप के क्षेत्र संगठन मंत्री गजेन्द्र सिंह,प्रान्त संगठन मंत्री विजय प्रताप,विभाग कार्यवाह अमिताश प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

संयुक्ता भाटिया के परिवार से पुत्र प्रशांत भाटिया, पुत्रवधु रेशु भाटिया, गौरव, दक्ष भाटिया, नीरू फाडा, अरुण, संजीव गिरोत्रा, रोहित पाहवा सहित समस्त परिवारी सदस्य मौजूद रहे ।

(Udaipur Kiran) / बृजनंदन

Most Popular

To Top