गुवाहाटी, 11 दिसंबर (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा की अध्यक्षता में आज राजधानी के लोक सेवा भवन में आयोजित असम कैबिनेट की साप्ताहिक बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बैठक के बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज की बैठक में मुख्य तीन बिंदुओं पर सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किए गए।
अब राज्य के भूमि पाट्टादारों को जमीन का खजाना जमा करने के लिए फिर से पहले जैसी सुविधा बहाल कर दी गई है। यानी, अब न सिर्फ डिजिटल माध्यम से, बल्कि पहले की तरह मौजेदारों के जरिए खजाने का नगद भुगतान भी किया जा सकता है। यानी अब डिजिटल और मैन्युअल दोनों तरीके से जमीन का खजाना जमा कराया जा सकेगा।
वहीं, आधार पंजीकरण को लेकर कैबिनेट द्वारा आज नया एसओपी जारी किया गया। इसके तहत सबसे पहले संबंधित क्षेत्र के सर्किल ऑफिसर यह देखेंगे की आधार के लिए आवेदन करने वाले व्यक्ति ने एनआरसी के लिए आवेदन किया था या नहीं। यदि एनआरसी के लिए आवेदक के परिवार द्वारा आवेदन किया गया था, तब आधार की अगली प्रक्रिया जिलों के अतिरिक्त आयुक्त देखेंगे। राज्य सरकार ने आधार से संबंधित प्रक्रिया चलाने के लिए असम सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग को अधिकृत किया है। नई एसओपी के अनुसार यदि किसी व्यक्ति ने एनआरसी के लिए आवेदन नहीं किया था तो उसका आधार राज्य सरकार द्वारा वेरीफाई नहीं किया जाएगा।
वहीं, कैबिनेट ने राज्य की पंजीकृत सोसाइटियों के नवीकरण की प्रक्रिया को फिर से सरल कर दिया है। यदि किसी समिति का 10 वर्षों तक भी नवीकरण नहीं हुआ है तो वह बगैर कोई फाइन जमा कराए ही अपनी सोसाइटी का नवीकरण करा सकता है। इसके लिए कोई अतिरिक्त फीस जमा करना नहीं होगा। सरकार ने यह निर्णय मिशन वसुंधरा के तहत स्कूलों, मंदिरों, नामघरों, सामाजिक संगठनों आदि को भूमि को पट्टा देने को ध्यान में रखकर किया है। सोसाइटी रजिस्ट्रेशन नहीं होने की वजह से इनका पट्टा मिलना कठिन हो रहा है। कैबिनेट की बैठक में और भी कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
(Udaipur Kiran) / श्रीप्रकाश