
श्रीनगर 13 जून (Udaipur Kiran) । जनजातीय मामलों के मंत्री जावेद अहमद राणा ने श्रीनगर के सिविल सचिवालय में जम्मू, सांबा और कठुआ जिलों से आए गुज्जर-बकरवाल जनजाति के कई प्रतिनिधिमंडलों से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडलों ने जीवन के विभिन्न पहलुओं में कथित भेदभावपूर्ण व्यवहार, जीवन और संपत्ति की सुरक्षा की कमी और विकास के नाम पर उनकी अचल संपत्ति के रणनीतिक और चुनिंदा अधिग्रहण से संबंधित चिंताओं सहित विभिन्न मुद्दों और समस्याओं को उठाया।
जनजातीय प्रतिनिधियों ने दशकों से अपने निवास स्थानों से जबरन बेदखल किए जाने और जनजातीय युवाओं को उनकी पहचान के आधार पर अन्य बताकर उनकी छवि को जानबूझकर खराब करने के बारे में अपनी शिकायतें व्यक्त कीं। मंत्री राणा ने प्रतिनिधिमंडलों की बातों को ध्यान से सुना और उन्हें आश्वासन दिया कि मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली जम्मू-कश्मीर सरकार सांप्रदायिक आधार पर समाज के किसी भी वर्ग का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं करेगी। मंत्री ने प्रतिनिधिमंडलों की समस्याओं के शीघ्र निवारण को प्राथमिकता दी तथा कई शिकायतों को तत्काल ध्यान देने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया। मंत्री ने गुज्जर-बकरवाल जनजाति सहित सभी समुदायों के अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि हाशिए पर पड़े समुदायों की चिंताओं का समाधान करना तथा उनकी आवाज को सुनना सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि समाज में सामाजिक सद्भाव और समावेशिता को बढ़ावा देने के लिए इन मुद्दों को संबोधित करने और हल करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
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(Udaipur Kiran) / सचिन खजूरिया
