जींद, 16 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । आशरी गेट पर बुधवार को ऊंचाई पर खड़ी छोटे बच्चों से खचाखच भरी स्कूल वैन अचानक पीछे की तरफ चल पड़ी। इसमें दो स्कूली बच्चे गिरकर वैन के नीचे भी आ गए। गनीमत रही की आसपास के लोगों ने बच्चों को तुरंत वैन के नीचे से निकाल दिया। इसमें दो-तीन बच्चों को मामूली चोटें आईं हैं।
अगर घर के आगे बने रैंप की स्पॉट नहीं आती तो बच्चे वैन के नीचे ही आ गए थे और बड़ा हादसा हो सकता था। यहां स्कूल प्रशासन के अलावा आरटीए कार्यालय की भी बड़ी लापरवाही सामने आ रही है, क्योंकि डीसी द्वारा आदेशों के बावजूद भी नियमों को ताक पर रखकर छोटी वैन में क्षमता से अधिक बच्चे ढोए जा रहे हैं।
लिटल हर्ट स्कूल की एक वैन दोपहर को एक बजे के करीब आसरी गेट पर बच्चों को घर छोडऩे के लिए आई थी। स्कूल वैन में 15 से ज्यादा बच्चे बैठाए गए थे। ड्राइवर के साइड वाली एक सीट पर तीन बच्चे बैठे हुए थे। आसरी गेट पर ऊंचाई पर स्कूल वैन को खड़ा कर चालक हैंड ब्रेक लगाए बिना बच्चों को उतारने के लिए साइड में चला गया। गाड़ी गियर में खड़ी थी, तभी आगे की सीट पर बैठे बच्चे ने गियर बाक्स छेड़ दिया।
इससे गाड़ी न्यूट्रल हो गई और ऊंचाई से नीचे की तरफ चल पड़ी। वैन में पीछे वाली खिड़की पूरी तरह से खुली थी और इसमें बच्चे भी बैठे थे। गाड़ी पीछे की तरफ दौड़ पड़ी और सामने बने मकान के रैंप से टकराकर रूकी। रैंप से टकराते ही पीछे बैठे बच्चे वैन से नीचे गिर गए और वैन के नीचे ही आ गए। आसपास के लोगों ने वैन को रोकने की कोशिश की और तुरंत वैन को पीछे से उठाकर बच्चों को इसके नीचे से निकाला। अगर रैंप का स्पॉट नहीं बनता तो यहां बड़ा हादसा हो सकता था। दरअसल जींद में नियमों को ताक पर रखकर क्रूजर, वैन, आटो में स्कूली बच्चों को ढोया जा रहा है, लेकिन आरटीए द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही। विभाग आंख बंद किए बैठा है और आरटीए की लापरवाही का खामियाजा अभिभावकों को अपने बच्चों की जान खोकर भुगतना पड़ सकता है।
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(Udaipur Kiran) / विजेंद्र मराठा